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09-May-2025 09:18 AM
By First Bihar
India pakistan war 2025: पाकिस्तान की ओर से जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य ठिकानों पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों का भारत ने जिस प्रकार जवाब दिया, वह सैन्य रणनीति के नए युग की मिसाल है। भारतीय सशस्त्र बलों ने 'काइनेटिक' और 'नॉन-काइनेटिक' दोनों तरह की क्षमताओं का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के कराची और अन्य रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया।
क्या होता है काइनेटिक हमला?
काइनेटिक हमला वह होता है जिसमें किसी देश की सेनाएं हथियारों, मिसाइलों, बमों या ड्रोन जैसे साधनों से सीधे हमला करती हैं। इसका उद्देश्य दुश्मन की भौतिक संरचनाओं (military bases, radar systems, launch pads) को नष्ट करना होता है।
जैसे ;ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग और हारोप आत्मघाती ड्रोन से हमला साथ ही टैंक या हवाई हमले से प्रत्यक्ष नुकसान इस तरीके के अटैक को इस श्रेणी में आते हैं |
नॉन-काइनेटिक हमला क्या है?
नॉन-काइनेटिक हमला वह होता है जिसमें शारीरिक रूप से हमला किए बिना दुश्मन के सिस्टम को कमजोर किया जाता है। इसमें साइबर अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, GPS जामिंग, और प्रोपेगैंडा शामिल होता है।
जैसे ;दुश्मन के रडार को ब्लाइंड कर देना और उसकी कम्युनिकेशन सिस्टम को जाम करना और रणनीतिक तौर से सैटेलाइट या GPS के सिग्नल को बाधित कर देना |
भारत ने कैसे किया दोनों का इस्तेमाल?
भारतीय नौसेना ने कराची के पास दुश्मन के नौसैनिक अड्डे पर ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं (काइनेटिक) वहीं भारतीय वायुसेना और इलेक्ट्रॉनिक यूनिट्स ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को इलेक्ट्रॉनिकली ब्लाइंड कर दिया (नॉन-काइनेटिक)। इसके साथ ही भारतीय साइबर यूनिट ने कई पाकिस्तानी वेबसाइट्स और कम्युनिकेशन चैनल्स को भी डाउन कर कर के चकमा दिया |
रक्षा विशेषज्ञों की माने तो आज के समय में युद्ध सिर्फ बम और गोली से नहीं लड़ा जाता। नॉन-काइनेटिक हमले दुश्मन की रीढ़ तोड़ने में ज्यादा असरदार साबित हो सकते हैं।इसलिए भारत ने दोनों का संतुलित इस्तेमाल कर नई मिसाल कायम करते हुए मुहतोड़ जवाब दिया है |