ब्रेकिंग न्यूज़

IAS Removal Process: कैसे पद से हटाए जाते है IAS अधिकारी, संतोष वर्मा मामले से जानिए पूरी डिटेल Bihar News: अदना सा JE के पास आय से 1.46 करोड़ की अधिक संपत्ति, निगरानी टीम भ्रष्ट अभियंता के ठिकानों पर कर रही छापेमारी vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन.. नितिन नबीन को राष्ट्रीय फलक पर लाना बिहार की युवा पीढ़ी का सम्मान: सम्राट चौधरी Bihar News: बिहार के इस ग्रीनफील्ड फोरलेन का काम समाप्ति की ओर, जमीन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से स्थानीय लोग उत्साहित Education Department : पति-पत्नी को एक साथ मिला जिला शिक्षा पदाधिकारी का नोटिस, जानिए क्या रही वजह Bihar Bhumi: बिहार के सभी ADM-DCLR और CO को पटना बुलाया गया, भू स्वामियों की सहूलियत को लेकर डिप्टी CM विजय सिन्हा की बड़ी पहल

EC: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, सूची से हटाए जाएंगे 345 राजनीतिक दल

EC: चुनाव आयोग ने 6 साल से निष्क्रिय 345 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। ये दल 2019 से चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे और इनके कार्यालय भी कागजों पर ही हैं।

EC

27-Jun-2025 07:56 AM

By First Bihar

EC: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश की राजनीतिक व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो पिछले छह वर्षों से पूरी तरह निष्क्रिय हैं। यह फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने लिया है। इन दलों ने 2019 के बाद से न तो लोकसभा और न ही विधानसभा या उपचुनाव में हिस्सा लिया है। यह पंजीकरण बनाए रखने की अनिवार्य शर्त है।


इन 345 दलों की निष्क्रियता का एक और बड़ा कारण यह है कि इनके कार्यालय भौतिक रूप से कहीं मौजूद नहीं हैं। आयोग की जांच में पाया गया कि ये दल केवल कागजों पर ही दर्ज हैं और इनके दावों का कोई वास्तविक आधार नहीं है। ECI ने सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इससे पहले कि अंतिम निर्णय लिया जाए, इन दलों को सुनवाई का मौका दिया जाएगा, ताकि प्रक्रिया में निष्पक्षता बनी रहे।


चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में 2,800 से अधिक RUPPs पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से कई दल जरूरी शर्तों को पूरा नहीं कर रहे। आयोग ने पहले भी ऐसी निष्क्रिय पार्टियों को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया को कानूनी रूप से सही नहीं माना था। अब आयोग ने डीलिस्टिंग का नया तरीका अपनाया है, जिसके तहत इन दलों को सूची से हटाया जा सकता है और वे दोबारा पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। 


इस कार्रवाई का मकसद उन दलों को हटाना है जो केवल कागजी लाभ, जैसे कि आयकर छूट का उपयोग करते हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते। देश में वर्तमान में छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त दल हैं, जबकि निष्क्रिय RUPPs की संख्या काफी अधिक है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह पहला चरण है और आगे भी ऐसी सफाई प्रक्रिया जारी रहेगी।