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25-Nov-2025 03:14 PM
By First Bihar
DESK: होमवर्क नहीं बनाने पर दो महिला टीचर ने नर्सरी के बच्चे को ऐसी तालिबानी सजा दी जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। बच्चे को नंगा कर रस्सी से बांधकर पेड़ से लटका दिया। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है।
दिल को दहला देने वाली घटना छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के नारायणपुर गांव स्थित हंस वाहिनी विद्या मंदिर स्कूल का है। जहां नर्सरी क्लास की टीचर काजल साहू होमवर्क चेक कर रही थीं। इसी दौरान उन्हें पता चला कि 4 साल के बच्चे ने होमवर्क नहीं किया है। गुस्से में आकर उन्होंने बच्चे को क्लास रुम से बाहर निकाल दिया। इससे भी मन नहीं भरा तो काजल साहू और एक अन्य शिक्षिका अनुराधा देवांगन ने मिलकर बच्चे के कपड़े उतार दिये और उसे रस्सी से बांधकर स्कूल परिसर के अंदर लगे पेड़ से लटका दिया।
मासूम बच्चा घंटों पेड़ से लटका रहा। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा फूट-फूटकर रोने लगा। उसके आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उसकी चिख पुकार को सबने अनसुना कर दिया। तभी स्कूल के पास के घर के छत पर एक लड़के ने पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसे देखकर लोग गुस्से में आ गये।
इस अमानवीय सजा को देखकर दोनों शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग करने लगे। बच्चे के परिजनों ने इसे क्रूरता करार दिया। कहा कि चार साल के बच्चे के साथ ऐसा कैसे किया जा सकता है? उन्होंने परमानेंट रुप से स्कूल को बंद करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला प्रशासन से की है। वही वीडियो वायरल होने के बाद प्रखंड शिक्षा अधिकारी डीएस लकड़ा और क्लस्टर इंचार्ज मनोज यादव स्कूल पहुंचे। जांच के बाद अधिकारियों ने कहा कि दोनों महिला टीचर ने जो काम किया है वो पूरी तरह से अमानवीय और निंदनीय है।
इसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा को भेज दी गई है, उम्मीद है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी। मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रशासक ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह गंभीर लापरवाही है और घटना की पूरी जिम्मेदारी स्कूल की है। फिलहाल बच्चा सुरक्षित है, लेकिन वह काफी सदमें में हैं। यह घटना स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जांच जारी है और दोषी शिक्षिकाओं पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। ऐसे मामलों को देखते हुए समाज में एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि शिक्षा के मंदिर में इंसानियत और संवेदनशीलता की क्या स्थिति रह गई है?