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17-Nov-2025 11:56 AM
By First Bihar
Bihar CM resignation : बिहार की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव के मुहाने पर खड़ी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की अहम बैठक के बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी। इस बैठक में मौजूदा विधानसभा को 19 नवंबर को भंग करने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि नई राजनीतिक परिस्थितियों में सरकार गठन की प्रक्रिया उसी दिन से शुरू हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, आज हुई कैबिनेट की बैठक बेहद संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण रही। बैठक में सभी मंत्रियों से औपचारिक स्वीकृति लेने के बाद सरकार ने विधानसभा भंग करने का फैसला राज्यपाल को भेजने का निर्णय किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे राजभवन पहुंचे और कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव तथा राजनीतिक स्थिति की विस्तृत जानकारी राज्यपाल को सौंपी।
सरकारी सूत्र बताते हैं कि 19 नवंबर को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त माना जाएगा, जिसके बाद नया सत्ता समीकरण औपचारिक रूप से लागू होगा। हालांकि, तब तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे और नियमित प्रशासनिक कामकाज संभालते रहेंगे। यह अवधि मौजूदा सरकार के लिए बेहद अहम होगा इसमें यह बातें कही जा रही है कि इसमें नई सरकार की संरचना और नेतृत्व को लेकर भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
राज्यपाल के साथ हुई मुलाकात को भी इसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।लेकिन आज की मुलाकात पूरी तरह औपचारिक थी, लेकिन इसे आगामी राजनीतिक घटनाक्रम का पूर्व संकेत भी कहा जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने कैबिनेट के प्रस्ताव और सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और 19 नवंबर को आगे की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इसी बीच, जनता दल यूनाइटेड के अंदर भी बैठकों का दौर तेज हो गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को पटना में तलब किया गया है, जहां नए राजनीतिक समीकरणों के अनुरूप संगठनात्मक तैयारी की जा रही है। भाजपा और अन्य दलों के नेताओं की गतिविधियाँ भी तेज हुई हैं, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि 19 नवंबर को बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
नीतीश कुमार अपने राजनीतिक निर्णयों और समय-समय पर किए बड़े कदमों के लिए जाने जाते हैं। आज कैबिनेट की बैठक और उसके बाद की गतिविधियों को भी उनके राजनीतिक कौशल और रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें 19 नवंबर पर टिकी हैं, जब मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा सौंपने के बाद सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश करेंगे।
बिहार की जनता और राजनीतिक पर्यवेक्षकों दोनों को यह देखने की उत्सुकता है कि इस बार कैबिनेट में किस चेहरे के साथ नीतीश कुमार सरकार बनाने में सफल होते हैं और राज्य की अगली राजनीतिक दिशा क्या तय होती है। 19 नवंबर का दिन न केवल मौजूदा विधानसभा के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि बिहार की राजनीति के अगले अध्याय की शुरुआत भी इसी दिन से होने वाली है।