Mokama Murder : 'फेफड़े फट गए और हड्डी टूट गई ...', दुलारचंद यादव हत्याकांड का पोस्टमार्टम कॉपी आया सामने, जानिए घटना के दिन की एक-एक बात Montha Cyclone Bihar: बिहार में ‘मोन्था’ साइक्लोन को लेकर अलर्ट, 19 क्विक रिस्पॉन्स टीम का हुआ गठन Ration Card : 1 नवंबर से राशन कार्ड में बड़ा बदलाव: डिजिटल DBT, पौष्टिक राशन और 8 प्रमुख लाभ New Rules From 1st November: आज से बदल गया यह नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर; जानिए पूरी डिटेल Bihar Board : बिहार बोर्ड ने घोषित की इंटर और मैट्रिक सेंट-अप परीक्षा 2026 की तिथियां, मुख्य परीक्षा के लिए अनिवार्य होगी 75% उपस्थिति Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन PM मोदी के बिहार आगमन से कितना बदल सकता है समीकरण; इस इलाके में गूंजेगी आवाज तो किसे होगा फायदा? Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान Justice Suryakant: जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, इस दिन लेंगे शपथ Bihar News: अब बिहार से भी निकलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवा दिखाने वाले धावक, इस शहर में तैयार हुआ विशेष ट्रैक
22-Apr-2025 04:32 PM
By Dhiraj Kumar Singh
Jamui UPSC Success Story: बिहार के जमुई जिले के पारस और संस्कृति ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। यूपीएससी 2024 (UPSC 2024) के नतीजों में जमुई की एक युवती और एक युवक ने ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिससे न केवल जिला, बल्कि पूरा बिहार गर्व से भर उठा है। संस्कृति त्रिवेदी ने जहां ऑल इंडिया 17वीं रैंक हासिल की हैं तो वहीं जमुई शिक्षा विभाग में कार्यरत डीपीओ पारस कुमार ने 269वीं रैंक के साथ सफलता का परचम लहराया। जमुई की ईशा रानी ने 384वां रैंक हासिल किया है.
संस्कृति त्रिवेदी: जमुई की बेटी बनी पूरे बिहार की शान
यूपीएससी की कठिन परीक्षा में 17वीं रैंक हासिल करने वाली संस्कृति त्रिवेदी ने यह साबित कर दिया कि लगन, मेहनत और संकल्प से कोई भी मंजिल दूर नहीं। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा जमुई जिला और बिहार गौरवान्विंत हुआ है।
संस्कृति के पिता आनंद प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि उनकी बेटी शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रही है। उन्होंने कहा, “संस्कृति ने कभी भी अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया। उसने कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास के बल पर यह सफलता हासिल की है। उनके चाचा डॉ. मिथिलेश त्रिवेदी ने भी संस्कृति की बचपन की लगन को याद करते हुए कहा, संस्कृति हमेशा समर्पित रही है। वह अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध थी।
अपनी सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए संस्कृति ने कहा कि मैं यह सफलता अपने माता-पिता, शिक्षकों और गाइड्स को समर्पित करती हूं। यदि मन में दृढ़ संकल्प हो और मेहनत सच्चे दिल से की जाए, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
डीपीओ पारस कुमार: नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रचा इतिहास
जमुई शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) पारस कुमार ने भी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 269वीं रैंक प्राप्त की है। उन्होंने व्यस्त शासकीय सेवा के बावजूद यूपीएससी जैसी कठिन प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि समय की सही योजना और संकल्प से कुछ भी असंभव नहीं।
पारस कुमार ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए अपने विभाग से दो बार छुट्टी ली थी, लेकिन अधिकांश तैयारी उन्होंने अपनी नौकरी के साथ ही की। उनकी इस उपलब्धि पर शिक्षा विभाग के तमाम शिक्षकों, सहकर्मियों और छात्रों ने प्रसन्नता जताई और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
शिक्षकों का कहना है कि पारस कुमार की यह सफलता पूरे शिक्षक समुदाय के लिए प्रेरणा है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर आपमें आत्मविश्वास हो और आप लगातार प्रयास करते रहें, तो कोई भी बाधा आपकी सफलता को रोक नहीं सकती।
जिले में खुशी की लहर
संस्कृति त्रिवेदी और पारस कुमार की इस दोहरी सफलता से पूरे जमुई जिले में हर्ष की लहर है। आम जनता से लेकर प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा से जुड़े लोग और छात्र, सभी ने इन दोनों प्रतिभाओं को बधाई दी है। सोशल मीडिया पर भी बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है। इन दोनों उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि छोटे शहरों और जिलों से भी अगर लगन और मेहनत हो, तो राष्ट्रीय स्तर पर बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं।
वही इशा रानी सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसिद्ध नारायण सिंह की बेटी है जिन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल की है। पारस कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर और और जमुई से प्राप्त की पढ़ाई के साथ-साथ में शिक्षा विभाग में अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाते हैं। डिप्टी के बाद देर रात तक पढ़ाई कर उन्होंने यह सफलता हासिल की है। पारस कुमार की सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधन और व्यवस्थाओं के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
ईशा रानी ने सीमित संसाधनों और ग्रामीण पाठ भूमि के बावजूद उन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की। इशारानी जमुई जिले के बरहट प्रखंड के लभेत गांव के निवासी अधिवक्ता प्रसिद्ध नारायण सिंह की बेटी ईशा रानी 348 वां रैंक लाई है। जमुई में DAV स्कूल से पढ़ाई की, DPS बोकारो से 10 प्लस टू की, पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी कर, फिर दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी की।
एडवोकेट प्रसिद्ध नारायण के एक बेटी और एक बेटा है सबसे बड़ी बेटी ईशा रानी है उनकी सफलता नहीं यह साबित कर दिया की ऊंची मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। जैसे ही यूपीएससी का परिणाम घोषित हुआ जम्मू में खुशी की लहर दौड़ गई शिक्षा विभाग के अधिकारियों और सहकर्मियों ने पारस कुमार को बधाई दी। शिक्षा विभाग जमुई के पदाधिकारी ने कहा कि पारस कुमार का यह प्रयास जिले के युवाओं को सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित करेगा। पारस कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय नियमित पढ़ाई समय प्रबंधन और आत्मविश्वास को दिया है वह कहते हैं यदि मन में ठान ली और निरंतर मेहनत करे तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस एग्जाम 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. प्रयागराज की शक्ति दुबे ऑल इंडिया टॉपर बनी हैं. टॉप 5 में तीन लड़कियां शामिल हैं. बिहार के राजकृष्ण झा को मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान मिला है. यूपीएससी की ओर से जारी मेरिट लिस्ट में कुल 1009 कैंडिडेट्स का नाम शामिल है. UPSC की CSE यानि सिविल सर्विस एग्जाम में जो 1009 कैंडिडेट्स सिलेक्टड हुए हैं, उनमें जनरल केटेगरी के 335, EWS यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 109, OBC यानि पिछड़ा वर्ग के 318 , SC यानी अनुसूचित जाति के 160 और ST यानी अनुसूचित जनजाति के 87 कैंडिडेट्स शामिल हैं

ईशा रानी

संस्कृति त्रिवेदी
पारस कुमार