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01-Nov-2025 12:15 PM
By First Bihar
Success Story: बिहार के एक छोटे से गांव कुरकुरी की बेटी प्रिया रानी ने अपने कठिन परिश्रम और अडिग संकल्प से बिहार का नाम रौशन किया है। अपने तेज दिमाग और सूझबूझ से उन्होंने यूपीएससी इंटरव्यू में सभी को चौंकाया। यह कहानी बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी बाधा राह में नहीं टिक सकती। प्रिया ने चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी और चौथे प्रयास में 69वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
प्रिया रानी बताती हैं कि उनका जन्म और पालन-पोषण बिहार के पारंपरिक माहौल वाले छोटे गांव में हुआ। गांव में शिक्षा की सुविधाएं सीमित थीं, लेकिन परिवार का सहयोग मिलने से उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिला। पढ़ाई के लिए उन्हें पटना भेजा गया, जहां उन्होंने एक साधारण किराए के घर में रहकर पढ़ाई में पूरी तरह से मन लगाया।
शिक्षा के क्षेत्र में प्रिया ने उत्कृष्टता दिखाई। उन्होंने रांची स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BIT) मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन एक प्राइवेट कंपनी में हो गया और वह बेंगलुरु में जॉब करने लगीं। हालांकि, उनका मन सिविल सेवा की ओर था। इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का साहसिक निर्णय लिया, जो उनके परिवार और समाज की कुछ नाराजगी का कारण बना।
यूपीएससी की तैयारी में प्रिया ने कठिनाइयों और असफलताओं का सामना किया। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उन्हें भारतीय रक्षा सेवा में चयन मिला, लेकिन IAS का सपना अधूरा रहा। तीसरे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली। हालांकि, प्रिया ने हार नहीं मानी और अपने चौथे प्रयास में अनुशासन और मेहनत से तैयारी जारी रखी। सुबह चार बजे उठकर रोज पढ़ाई करना उनकी दिनचर्या बन गई।
अपने चौथे प्रयास में प्रिया रानी ने UPSC परीक्षा में 69वीं रैंक प्राप्त की और इंटरव्यू में 193 अंक हासिल किए। इंटरव्यू के दौरान उनका एक यादगार पल तब आया जब पैनल ने पूछा, “ऐसा कौन-सा सवाल है जो हमने आपसे नहीं पूछा?” प्रिया ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “शायद आप मुझसे खुद का परिचय सुनना चाहेंगे।” उनके इस समझदार जवाब ने पैनल को भी प्रभावित किया।
प्रिया रानी का मानना है कि सफलता का रहस्य अनुशासन, मेहनत और लगन है। उनका कहना है कि शिक्षा ही सबसे बड़ी दौलत है, जिसे कोई भी व्यक्ति हासिल कर सकता है। वह सभी युवा कैंडिडेट्स को यही संदेश देती हैं कि हमेशा प्रेरित रहें, अपने मूल उद्देश्य को याद रखें और कठिनाइयों से डरें नहीं। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखते हैं।
प्रिया रानी की सफलता सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि बिहार के छोटे गांव की बेटी के लिए प्रेरक उदाहरण है कि सही दिशा और मेहनत से कोई भी सपना साकार हो सकता है। आज प्रिया रानी IAS बनकर राज्य और देश की सेवा में जुटी हैं और अपने गांव व बिहार की युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं।