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06-Mar-2025 09:24 PM
By First Bihar
loan Repayment news: भारत में लोन लेने और चुकाने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी सीआरआईएफ हाई मार्क की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में सक्रिय महिला उधारकर्ताओं की संख्या 10.8% से बढ़कर 8.3 करोड़ हो गई, जबकि पुरुषों में यह वृद्धि केवल 6.5% रही।
महिलाएं लोन रीपेमेंट में टॉप पर
महिलाओं के होम लोन, कॉरपोरेट लोन, एग्रीकल्चर लोन, ट्रैक्टर लोन, प्रॉपर्टी लोन और एजुकेशन लोन के चुकाने में पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन रहें हैं । उन्होंने लोन चुकाने में अधिकत अनुशासित रवैया अपनाया है . हालांकि, सोने के बदले लिए गए कर्ज और दोपहिया वाहन कर्ज में पुरुषों की हिस्सेदारी अधिक रही है ।
महिलाओं पर बढ़ा बैंकों का भरोसा बढ़ा
साल 2024 में बैंकों और सरकारी वित्तीय संस्थानों ने महिलाओं को लोन मुहैया कराने में अधिक रुचि दिखाई है। अब महिला उधारकर्ताओं का कुल लोन पोर्टफोलियो 18% बढ़कर 36.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।लेकिन , कुल कर्जदारों में उनकी हिस्सेदारी अभी भी 24% पर स्थिर है।
युवा महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं ने लोन इकॉनमी में बड़ा योगदान दिया है। 2024 में लोन ऑरिजिनेशन में उनकी हिस्सेदारी 43.8% तक जा पहुचीं ,जो यह दर्शाता है कि युवा महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
महाराष्ट्र की महिलाएं सबसे आगे
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र की महिलाएं होम लोन, कॉरपोरेट लोन, प्रॉपर्टी लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड और एजुकेशन लोन के मामले में सबसे आगे हैं ।लिहाजा संकेत मिलता है कि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में महाराष्ट्र की महिलाओं की भागीदारी सबसे मजबूत हो गयी है
महिलाओं की बढ़ती वित्तीय स्वतंत्रता
महिलाओं की बढ़ती लोन भागीदारी भारत की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना के लिए ये पॉजिटिव संकेत है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ेगी, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति को भी मजबूती मिलेगी. सरकार और वित्तीय संस्थानों द्वारा महिलाओं को अधिक लोन देने की पहल उनके व्यवसाय और शिक्षा में योगदान को और बेहतर बनाएगी।