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25-Feb-2025 03:25 PM
भारतीय उद्योग जगत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित समूहों में से एक, टाटा ग्रुप, ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। टाटा कैपिटल, जो कि टाटा सन्स की एक महत्वपूर्ण नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है, ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को मंजूरी दे दी है। यह IPO टाटा ग्रुप के लिए एक अहम कदम है, क्योंकि 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की लिस्टिंग के बाद यह टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का पहला IPO होगा। इसके जरिए कंपनी करीब 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। इस कदम के साथ टाटा कैपिटल, जो कि पहले से ही भारतीय वित्तीय क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है, अब शेयर बाजार में अपनी एक नई भूमिका निभाने जा रही है।
हालांकि, इस IPO के पीछे एक बड़ा कारण भी है – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया नियम। RBI ने टाटा कैपिटल को अपनी 'अपर लेयर' वाली NBFC कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है, जिससे इसे सितंबर 2025 तक खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराना अनिवार्य हो गया है। इसका मतलब है कि टाटा कैपिटल को इस वर्ष सितंबर तक अपनी लिस्टिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह नियम टाटा कैपिटल के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों का काम करेगा। टाटा कैपिटल के व्यापार के क्षेत्र में भी एक बहुत ही दिलचस्प स्थिति है। कंपनी का ऐडवांस्ड यूनिट्स मैनेजमेंट (AUM) 1.58 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है (जो कि 31 मार्च 2024 तक का अनुमानित है)। यह कंपनी पर्सनल लोन, होम लोन, गाड़ी लोन, बिजनेस लोन, क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन जैसी सेवाएं प्रदान करती है। इन सेवाओं की विविधता और ग्राहक वर्ग में व्यापकता इसे भारतीय वित्तीय बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान देती है।
टाटा सन्स, जो कि इस कंपनी में 92.83% हिस्सेदारी रखता है, के साथ टाटा कैपिटल का संबंध और भी मजबूत हो गया है। बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास है, जो इस कंपनी के प्रति विश्वास को और बढ़ाता है। इस IPO की घोषणा के बाद टाटा ग्रुप की अन्य कंपनी, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर में भी तेजी आई है। आज इस कंपनी के शेयरों में 7% से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसके चलते इसके शेयर 6,225 रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंचे। हालांकि, बीते एक साल में इसके शेयर में करीब 12% की गिरावट भी आई है, लेकिन आज का उछाल इस निवेश के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है।