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15-Aug-2025 07:20 AM
By First Bihar
Encounter in Bihar: बिहार पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की संयुक्त कार्रवाई में गुरुवार शाम वैशाली जिले के चिंतामणिपुर हाई स्कूल के पीछे एक बगीचे में कुख्यात लुटेरा अरविंद सहनी एक मुठभेड़ में मारा गया। अरविंद सहनी के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती जैसे कुल 22 संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे, जो वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण सहित बिहार के कई जिलों और अन्य राज्यों में फैल चुके थे।
अरविंद सहनी 28 मई 2025 को समस्तीपुर कोर्ट से पेशी के बाद पुलिस को चकमा देकर अपने तीन साथियों - मनीष कुमार, मनजीत कुमार और राजनंदन उर्फ हैदर - के साथ फरार हो गया था। गार्ड द्वारा हवालात का ताला खोलते ही इन चारों कैदियों ने जोरदार धक्का मारकर भागने में सफलता पाई थी। इनमें से नागेंद्र महतो नामक एक अपराधी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था, लेकिन अरविंद फरार हो गया।
इसके बाद से पुलिस और एसटीएफ लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। उस पर मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा ₹50,000 का इनाम घोषित किया गया था, जबकि उसके दो साथियों मोहम्मद अनवर और मंजीत कुमार पर ₹25,000-₹25,000 के इनाम घोषित किए गए थे।
अरविंद सहनी वैशाली जिले के सहथा भगवानपुर गांव का मूल निवासी था और उसकी उम्र करीब 30 वर्ष थी। उस पर बिहार के अलावा छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी डकैती, लूट और हथियारों की तस्करी जैसे मामले दर्ज थे। 2019 में हाजीपुर स्थित मुथूट फाइनेंस ऑफिस से 55 किलोग्राम सोना लूटने की घटना में भी उसका नाम सामने आया था। इसके अलावा मुजफ्फरपुर बैंक लूटकांड और छत्तीसगढ़ में बड़ी गोल्ड लूट की वारदातों में उसकी संलिप्तता पाई गई थी।
बीते दिनों पुलिस को सूचना मिली थी कि अरविंद सहनी अपने गिरोह के साथ मुजफ्फरपुर के करजा थाना क्षेत्र में बड़ी लूट की योजना बना रहा है। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले वह अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। मौके से एक बाइक, एक मैगजीन और कुछ कारतूस बरामद किए गए।
अंततः, 14 अगस्त की शाम, वैशाली एसटीएफ और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने चिंतामणिपुर हाई स्कूल के पीछे बगीचे में उसे घेर लिया। पुलिस की कार्रवाई के दौरान अरविंद ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एक पुलिसकर्मी के हाथ में गोली लगी, जबकि कुछ अन्य जवानों को हल्की चोटें आईं। जवाबी फायरिंग में अरविंद मारा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करीब 20 राउंड गोलियां चलीं। अरविंद सहनी का आपराधिक नेटवर्क बेहद मजबूत था। वह बेखौफ होकर किराना दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा था। उसका पीछा करना और गिरफ्तारी करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था।
वैशाली पुलिस अधीक्षक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि, "अरविंद सहनी जैसे दुर्दांत अपराधी की मौत कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी राहत है। उसके नेटवर्क को खत्म करने के लिए पुलिस आगे भी कार्रवाई जारी रखेगी।" अरविंद सहनी की मौत से बिहार और खासकर वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर जैसे जिलों में राहत की सांस ली जा रही है। पुलिस अब उसकी गैंग के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुट गई है।