ब्रेकिंग न्यूज़

success story : BPSC से UPSC तक: इसे कहते हैं सफलता, IPS बनी गांव की बेटी; जानिए क्या है इनका पूरा प्रोफाइल Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास IMD में नौकरी पाने का मौका, आज आवेदन की अंतिम तिथि Patna High Court : पटना हाईकोर्ट ने AIG प्रशांत कुमार की भ्रष्टाचार प्राथमिकी रद्द की, अब सुप्रीम कोर्ट में SVU करेगी अपील Bihar Gyan Post : महज 20 रुपये में देशभर में भेजें किताबें , डाकघर में शुरू हुई 'ज्ञान पोस्ट' सेवा; जानिए कैसे करें बुकिंग Bihar Traffic Rules: बिहार में गाड़ी चलाते समय यह गलती करवा देगी लाइसेंस रद्द, 10 हजार चालकों पर गाज गिराने की तैयारी Bihar Board : बिहार बोर्ड को मिला तीन ISO प्रमाणपत्र, देश का पहला बोर्ड बना; जानिए क्या है इससे फायदा IPL Jobs: आईपीएल में नौकरी पाने का यह है सबसे आसान तरीका, जानें वैकेंसी से लेकर योग्यता तक की हर डिटेल.. Electricity Bill : गलत बिजली बिल से मिलेगी छुटकारा, बदली जा रही है मीटर रीडिंग व्यवस्था; विभाग ने लिया बड़ा फैसला Tirhut Graduate MLC : MLC बंशीधर बृजवासी की गाड़ी का एक्सीडेंट, जानेलवा हमले का लगाया आरोप,कहा -गनीमत था की मैं ... Bihar Vidhan Sabha : बिहार विधानसभा में 19 समितियों का गठन, भाई वीरेंद्र को अहम जिम्मेदारी; पूर्व मंत्रियों को भी सौंपी गई कमान

Bihar News: वैशाली में बनकर तैयार हुआ बुद्ध संग्रहालय, इस दिन होगा उद्घाटन

Bihar News: बिहार के वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप बनकर हुआ तैयार, जुलाई में इस दिन उद्घाटन की योजना। 42,373 बलुआ पत्थरों से निर्मित यह स्तूप बौद्ध धर्मालंबियों और पर्यटकों के लिए बनेगा नया आकर्षण।

Bihar News

04-Jul-2025 05:48 PM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इसका उद्घाटन जुलाई में होने की तैयारी है। यह परियोजना 550.48 करोड़ रुपये की लागत से 72.94 एकड़ क्षेत्र में बनाई गई है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेषों को संरक्षित किया जाएगा। यह संग्रहालय न केवल बौद्ध धर्मालंबियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। नए स्तूप परिसर को ऐतिहासिक मिट्टी के स्तूप से जोड़ने की योजना पर भी काम चल रहा है, जो वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी बढ़ाएगा।


यह संरचना पूरी तरह राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए 42,373 बलुआ पत्थरों से निर्मित है, जिन्हें टंग और ग्रूव तकनीक से जोड़ा गया है, मतलब बिना सीमेंट या चिपकाने वाले पदार्थ के। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि 12 टन तक के इन पत्थरों को क्रेन की मदद से 33.10 मीटर ऊँचे स्तूप पर फिट करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। यह भारत का पहला ऐसा स्तूप है, जो केवल पत्थरों से बना है, जिसका आंतरिक व्यास 37.80 मीटर और बाहरी व्यास 49.80 मीटर है। भूकंपरोधी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो इसे इस मामले में ऐतिहासिक अयोध्या के राम मंदिर से जोड़ता है, वह मंदिर भी इसी सैंडस्टोन से बना है।


इस संग्रहालय परिसर में मेडिटेशन सेंटर, पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, अतिथि गृह और सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग से उत्तर की ओर इसका मुख्य द्वार होगा, जहाँ भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित की जाएगी। परिसर में दो संग्रहालयों में बुद्ध के जीवन और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा, जो एक साथ 2000 पर्यटकों को दर्शन की सुविधा देगा। बौद्ध गुरु दलाई लामा के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की संभावना है, जिससे वैशाली में थाईलैंड, श्रीलंका, जापान और अन्य देशों से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना की प्रगति की कई बार समीक्षा की और निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए थे। यह संग्रहालय वैशाली को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नया मुकाम दिलाएगा, खासकर भगवान बुद्ध की अस्थि कलश की स्थापना के बाद। यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की है, बल्कि बिहार में पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा।