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16-Jul-2025 09:30 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के रोहतास जिले में कृषि विभाग ने पारंपरिक और सुगंधित सोनाचूर धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सोनाचूर धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
यह राशि दो किस्तों में प्रदान की जाएगी:
पहली किस्त: 3000 रुपये, बुवाई पूरी होने और सत्यापन के बाद।
दूसरी किस्त: 3000 रुपये, धान में बाली लगने के बाद सत्यापन पर।
जिला कृषि अधिकारी राम कुमार के अनुसार रोहतास की मिट्टी और जलवायु सोनाचूर धान के लिए उपयुक्त है और इसकी बाजार में अच्छी मांग है। 2025 के खरीफ सीजन के लिए जिले में 500 एकड़ पर सोनाचूर धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी बल्कि पारंपरिक खेती को संरक्षित करने और जिले की कृषि पहचान को मजबूत करने में भी मदद करेगी।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
पात्रता: यह योजना केवल उन किसानों के लिए है जो रोहतास जिले में सोनाचूर धान की खेती करते हैं और कृषि विभाग की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हैं।
सत्यापन: कृषि पर्यवेक्षक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी खेतों का निरीक्षण करेंगे। बुवाई और बाली लगने के चरणों की जांच के बाद ही राशि DBT के माध्यम से किसानों के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाएगी।
आवेदन: किसानों को बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट (dbtagriculture.bihar.gov.in) पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए किसान पंजीकरण संख्या, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन के दस्तावेज आवश्यक हैं। आवेदन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे।
सोनाचूर धान एक सुगंधित, पारंपरिक किस्म है जो कम पानी और जैविक खेती के लिए उपयुक्त है। इसकी मांग स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ रही है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 3000-4000 रुपये तक की कीमत मिल सकती है। यह किस्म बिहार के जैविक कॉरिडोर योजना के तहत भी प्रोत्साहित की जा रही है, जिसमें रोहतास सहित 13 जिलों में 20,000 एकड़ पर जैविक खेती का लक्ष्य रखा गया है।