बेतिया में ITBP जवान ने खुद को गोली मारी, मौके पर ही मौत, घटना का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस रोहतास में 9 फीट का मिला अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू Bihar News: बिहार के इस जिले में SSP का ताबड़तोड़ एक्शन, 24 घंटे में 40 अपराधी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025 : बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को सम्मानित करेगी BJP, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान BSSC CGL-4 : BSSC CGL-4 और ऑफिस अटेंडेंट भर्ती 2025 में वैकेंसी बढ़ी, अब आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर Lalganj Sarai accident : लालगंज–सराय मार्ग पर बाइक टक्कर, एक युवक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल Domestic Gas Cost : अब सिलेंडर भराने की टेंशन खत्म, दिसंबर से घर-घर पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) सप्लाई शुरू Bihar News: VVCP छात्रवृत्ति परीक्षा में इतने छात्रों की भागीदारी, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम हुआ सफल Barbigha news : बरबीघा बायपास पर सड़क हादसे में 20 वर्षीय युवक की मौत, दो युवक गंभीर रूप से घायल Vehicle Fitness Test Price Hike: भारत में बढ़ी व्हीकल फिटनेस टेस्ट फीस, पुराने वाहनों के लिए अब और महंगा होगा टेस्ट; जानें पूरी डिटेल
31-Jul-2025 06:34 PM
By First Bihar
PURNEA: बिहार के पूणियां जिले में एक ऐसा स्कूल है, जहां टैंट लगाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। हम बात कर रहे हैं पूर्णिया जिले से 65 किलोमीटर दूर बनमंखी अनुमंडल के जानकीनगर थाना क्षेत्र की कर रहे हैं जहां चांदपुरी भंगहा पंचायत वार्ड नंबर 04 स्थित प्राथमिक विद्यालय ठाकुरपट्टी की यह तस्वीर है। इस स्कूल में महज दो कमरे हैं। जहां कक्षा 1 से 5 तक तक पढ़ाई होती हैं।
इस स्कूल में भवन में दो क्लास रूम ही हैं। बच्चों की उपस्थिति अधिक होने के कारण पहले क्लास के बच्चों को भवन में बैठाया जाता है बाकि बच्चों को टैंट में बिठाकर पढ़ाया जाता है। वहीं दूसरे कमरे में रसोई सहित अन्य सामान रखा जाता है। जो दो कमरे हैं वह भी जर्जर स्थिति में है। इस स्कूल में कुल 156 बच्चे नामांकित हैं और 6 शिक्षक-शिक्षकाए है।
बता दें कि भवनहीन होने के कारण इस विद्यालय में प्राथमिक अशोक नगर को भी मर्ज किया गया है। स्कूल के प्रधानाध्यापक आलोक कुमार ने बताया भवन नहीं होने के कारण बच्चों को टैंट में पढाया जाता है। बता दें 2017 में ही पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्वर्गीय राम भगत के द्वारा इस विद्यालय का निरीक्षण किया गया था और उसी वक्त भवन के लिए अनुशंसा किया गया था।
आठ साल बीत जाने के बावजूद भी यह विद्यालय जस का तस है। यहां एक कमरा तक नहीं बन पाया है। भीषण गर्मी और बारिश के बीच टेंट में बैठकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। बिहार सरकार भले ही शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर लें लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। आज तक प्राथमिक विद्यालय ठाकुरपट्टी की तस्वीर नहीं बदली। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार की नजर इस विद्यालय पर कब पड़ती है और कब इस स्कूल का कायाकल्प हो पाता है।
पूर्णिया से प्रफूल झा की रिपोर्ट

