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पटना एम्स निदेशक पर गिरफ्तारी की तलवार, कैट ने जारी किया जमानती वारंट

पटना एम्स निदेशक के खिलाफ कैट ने अवमानना के मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। डॉ. नेहा सिंह को इंटरव्यू से वंचित किए जाने पर न्यायाधिकरण ने पहले ही उपस्थित होने का आदेश दिया था, जिसका उल्लंघन किया गया।

Bihar

14-Jul-2025 09:36 PM

By First Bihar

PATNA: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), पटना के कार्यकारी निदेशक की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT), पटना बेंच ने एक गंभीर अवमानना मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है। न्यायाधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि निदेशक को 25 जुलाई को सशरीर उपस्थित किया जाए। यह कार्रवाई न्यायिक सदस्य राजवीर सिंह वर्मा और प्रशासनिक सदस्य कुमार राजेश चंद्रा की खंडपीठ ने डॉ. नेहा सिंह की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए की।


मामला क्या है?

आवेदिका डॉ. नेहा सिंह, पटना एम्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन अफसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने CAT में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि एम्स प्रशासन ने उन्हें सहायक प्रोफेसर पद की चयन प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित कर दिया।न्यायाधिकरण ने एम्स प्रशासन को स्पष्ट आदेश दिया था कि डॉ. नेहा को इंटरव्यू में शामिल होने दिया जाए, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हुआ। इसके बाद डॉ. नेहा ने अवमानना याचिका दाखिल की।


कोर्ट के आदेशों की अनदेखी

CAT ने 28 मई को निदेशक को 11 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया था। लेकिन निदेशक ने इस आदेश को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बावजूद निदेशक 11 जुलाई को उपस्थित नहीं हुए, और कहा गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जा रहा है। लेकिन CAT ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट से कोई स्थगन आदेश प्रस्तुत नहीं किया गया, और 11 जुलाई को गैरहाजिरी जानबूझकर की गई अवमानना मानी जाएगी।


खंडपीठ ने कहा कि एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक का यह आचरण न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना है। इससे न्याय प्रक्रिया की गरिमा पर आघात होता है। अब निदेशक के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस को 25 जुलाई को उन्हें पेश करने का निर्देश दिया गया है।