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24-Jul-2025 03:18 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) अभियान से जुड़ी बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है। SIR को लेकर जारी विवाद और विरोध के बीच भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाताओं और राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है। आयोग ने एक महीने का समय मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधार के लिए दिया है। 01 अगस्त से 01 सितंबर 2025 तक यह काम किया जा सकेगा।
क्या है आयोग का आदेश?
चुनाव आयोग ने SIR आदेश के पृष्ठ 3, पैरा 7(5) का हवाला देते हुए कहा है कि इस अवधि में यदि किसी योग्य मतदाता का नाम बीएलओ (BLO) या बीएलए (BLA) द्वारा गलती से हटाया गया है या जोड़ा नहीं गया है, तो वह दावा प्रस्तुत कर सकता है। इसी तरह, अगर किसी गलत व्यक्ति का नाम सूची में जोड़ा गया है, तो राजनीतिक दल या मतदाता उसके खिलाफ आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
1 अगस्त को जारी होगी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
निर्वाचन आयोग के अनुसार, SIR के प्रथम चरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 1 अगस्त, 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस प्रारूप सूची में त्रुटियों के सुधार के लिए मतदाता 1 सितंबर, 2025 तक संबंधित ERO या AERO के समक्ष दावा या आपत्ति दाखिल कर सकेंगे।
52 लाख मतदाता सूची से 'गायब'
अब तक की जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। SIR प्रक्रिया के तहत बिहार में 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए हैं, जबकि 18 लाख से अधिक मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। इन आँकड़ों से यह सवाल उठ रहा है कि पिछले वर्षों में मतदाता सूची कितनी अद्यतन थी।
98% से अधिक फॉर्म जमा, लेकिन 15 लाख अभी भी बाकी
चुनाव आयोग द्वारा 23 जुलाई तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 98.01% मतदाताओं के फॉर्म जमा हो चुके हैं, जिनमें से 7.17 करोड़ फॉर्म (90.89%) को डिजिटलीकृत भी कर दिया गया है। हालांकि अब भी करीब 15 लाख मतदाताओं के फॉर्म नहीं लौटे हैं।
बाहर रहने वाले मतदाताओं के लिए ONLINE व्यवस्था
बिहार से बाहर रहने वाले वैसे मतदाता जो किसी अन्य स्थान पर पंजीकृत नहीं हैं, उनके लिए एक नया फॉर्म आयोग ने ONLINE उपलब्ध कराया है। इसे चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से भरा जा सकेगा। यह प्रयास उन प्रवासी मतदाताओं को फिर से वोटर लिस्ट में शामिल करने के उद्देश्य से किया गया है। बिहार में SIR को लेकर जारी विरोध के बीच चुनाव आयोग का यह कदम राहत देने वाला है। हालांकि मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम गायब होने की वजह से विपक्षी दल लगातार सरकार से सवाल कर रहा है और चुनाव बहिष्कार की बातें भी की जा रही है। अब यह देखना यह होगा कि 1 सितंबर तक कितने योग्य मतदाता अपने नाम वापस सूची में जुड़वा पाते हैं या नहीं।