जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप मुकेश अंबानी के समधी अजय पीरामल ने पटना साहिब में मत्था टेका, पहली बार किया पावन दरबार का दर्शन
13-Aug-2025 04:22 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी यात्रा पर निकलने वाले हैं. राहुल गांधी 17 अगस्त से 31 अगस्त तक बिहार में ‘वोट अधिकार यात्रा’ निकालेंगे, लेकिन इस यात्रा में कांग्रेस के फायरब्रांड नेता कन्हैया कुमार नजर नहीं आएंगे. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को इस यात्रा से अलग रखते हुए उन्हें दूसरे राज्यों में पार्टी का विशेष टास्क सौंप दिया है।
इससे पहले भी कन्हैया को कांग्रेस और महागठबंधन के बड़े कार्यक्रमों से दूर रखा गया था। हाल ही में पटना में हुए विधानसभा मार्च के दौरान उन्हें तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के साथ मार्च रथ पर सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह सब तेजस्वी यादव की नाराज़गी के कारण हुआ है, और इसी वजह से कांग्रेस ने इस बार भी उन्हें राहुल गांधी की बिहार यात्रा में शामिल नहीं किया।
वैसे, कन्हैया कुमार राहुल गांधी के करीबी नेता माने जाते हैं. इससे पहले जब राहुल गांधी ने पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा की थी तो कन्हैया उनकी पूरी यात्रा में शामिल थे. वहीं, बिहार में भी चुनाव से पहले जब कांग्रेस ने कृष्णा अल्लावरू को प्रभारी बनाकर भेजा और पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिश की थी तो कन्हैया कुमार की याद आयी थी. कन्हैया कुमार ने बिहार में भी यात्रा निकाली थी. लेकिन अब कन्हैया कुमार कांग्रेस के लिए बिहार में फिट नहीं बैठ रहे हैं. इसकी मुख्य वजह आरजेडी और तेजस्वी की नापसंदगी बतायी जाती है.
कन्हैया को सौंपा देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व
कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को SIR (Special Investigation Report) के मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने 14 अगस्त से इस आंदोलन की शुरुआत करने का ऐलान किया है।
कांग्रेस का आंदोलन कार्यक्रम इस प्रकार है:
• 14 अगस्त की रात – देश के सभी जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस।
• 22 अगस्त से 7 सितंबर – सभी राज्य राजधानियों में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली।
• 15 सितंबर से 15 अक्टूबर – देश भर में हस्ताक्षर अभियान।
इस पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व कन्हैया कुमार करेंगे और वे इन तारीखों के दौरान अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठित करेंगे।
बिहार से दूरी, राजनीति गरमाई
कन्हैया कुमार की बिहार यात्रा से गैरमौजूदगी ने कांग्रेस और महागठबंधन की आंतरिक राजनीति को फिर सुर्खियों में ला दिया है। एक तरफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव साथ में ‘वोट अधिकार यात्रा’ करेंगे, वहीं कन्हैया की भूमिका बिहार से बाहर सीमित कर दी गई है। कांग्रेस के भीतर इसे लेकर अलग-अलग मत हैं.. कुछ नेता इसे रणनीतिक फैसला बता रहे हैं, तो कुछ इसे कन्हैया के प्रभाव को सीमित करने की कोशिश मान रहे हैं।