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19-Aug-2025 09:21 AM
By First Bihar
Pawan Singh: बिहार में आगामी 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। सोमवार शाम भोजपुरी सुपरस्टार और लोकसभा चुनाव 2024 के चर्चित निर्दलीय उम्मीदवार पवन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच लगभग आधे घंटे की बातचीत हुई, जिसमें से करीब 5 मिनट की बातचीत बंद कमरे में अकेले हुई, जिससे राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
इस मुलाकात की तस्वीरें खुद पवन सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की हैं। तस्वीरों में पवन सिंह और आरके सिंह को सोफे पर बैठकर बातचीत करते और एक छत पर साथ खड़े देखा जा सकता है। फोटो के साथ पवन सिंह ने लिखा: "एक नई सोच के साथ एक नई मुलाकात।" इस बयान ने राजनीतिक विश्लेषकों और समर्थकों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है कि क्या पवन सिंह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के करीब आ रहे हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में पवन सिंह ने भाजपा से बगावत करते हुए काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और बिहार में मैदान में उतर गए। काराकाट में उन्हें दूसरा स्थान मिला, जबकि एनडीए के प्रत्याशी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा हार गए थे। पवन सिंह ने भले ही चुनाव नहीं जीता हो, लेकिन उन्होंने यह साबित कर दिया कि उनकी राजनीतिक पकड़ और जन समर्थन मजबूत है।
दूसरी ओर, आरके सिंह, जो नरेंद्र मोदी की पिछली कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं, 2024 लोकसभा चुनाव में आरा से हार गए। उन्हें सीपीआई (माले) के प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने लगभग 60 हजार वोटों के अंतर से हराया। ऐसे में उनकी भी राजनीतिक रणनीति में बदलाव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के जरिए पवन सिंह और आरके सिंह के बीच राजनीतिक तालमेल और आगामी रणनीति पर चर्चा हो सकती है। पवन सिंह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, और उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी सक्रिय रूप से चुनावी तैयारी में लगी हैं। कुछ समय पहले पवन सिंह को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन यह मुलाकात इशारा करती है कि उनका अगला राजनीतिक ठिकाना कुछ और हो सकता है संभवतः भाजपा में वापसी।
यह मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरणों को फिर से गढ़ने की तैयारी हो सकती है। जहां एक ओर एनडीए को मजबूत चेहरों की तलाश है, वहीं दूसरी ओर पवन सिंह जैसे चर्चित और जनप्रिय चेहरों की एंट्री से चुनावी गणित बदल सकता है।