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11-Nov-2025 05:09 PM
By First Bihar
Bihar School Mobile Ban: पटना जिले के सभी सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के मोबाइल लाने पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय (DEO) की ओर से जारी ताजा निर्देश में कहा गया है कि किसी भी छात्र को मोबाइल फोन लेकर स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई बच्चा मोबाइल लेकर आता है, तो स्कूल प्रशासन तुरंत उसे जब्त करेगा और इस संबंध में जानकारी उसके अभिभावकों को दी जाएगी।
दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी ने निर्देश में कहा है कि स्कूलों में मोबाइल फोन के दुरुपयोग से बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। कई छात्र सोशल मीडिया और गेम्स में उलझकर पढ़ाई से ध्यान हटा रहे हैं। ऐसे में अब शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे बच्चों को मोबाइल के नुकसान के बारे में जागरूक करें और उन्हें समझाएं कि मोबाइल का इस्तेमाल केवल जरूरी स्थितियों में ही किया जाना चाहिए।
वहीं, अभिभावकों को भी इस पहल में भागीदार बनाने की योजना है। स्कूलों में आयोजित होने वाली अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) के दौरान यह समझाया जाएगा कि बच्चे घर पर भी मोबाइल से दूरी बनाएं रखें। शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखकर उनकी पढ़ाई की आदत और एकाग्रता को बेहतर किया जा सकता है।
यह कदम खास तौर पर फरवरी 2026 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर उठाया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय का कहना है कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को मोबाइल से मुक्त वातावरण में अध्ययन करना चाहिए ताकि वे किताबों से पढ़ाई करने की आदत विकसित कर सकें। शिक्षकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को मोबाइल के फायदे और नुकसान के वास्तविक उदाहरणों के साथ समझाएं। छात्रों को यह बताया जाएगा कि सफलता के लिए मोबाइल से अधिक जरूरी किताबों से सीधा अध्ययन और नियमित अभ्यास है।
इस निर्देश के तहत सभी स्कूलों में दीवारों पर मोबाइल फोन प्रतिबंध से संबंधित संदेश अंकित करने के भी आदेश दिए गए हैं। इससे अभिभावकों और छात्रों को स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि स्कूल परिसर में मोबाइल लाना या उसका उपयोग करना पूरी तरह से वर्जित है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि मोबाइल प्रतिबंध का असर तभी प्रभावी होगा जब अभिभावक भी घर पर बच्चों पर नजर रखें। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे अध्ययन के दौरान केवल शैक्षणिक किताबों का प्रयोग करें और मोबाइल का उपयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर ही करें।
माना जा रहा है कि यह कदम बिहार के शिक्षा तंत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश है। हाल के वर्षों में मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग ने बच्चों की एकाग्रता, मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर गहरा प्रभाव डाला है। ऐसे में यह निर्णय न केवल परीक्षा की तैयारी को सशक्त करेगा, बल्कि छात्रों में अनुशासन और अध्ययन की गंभीरता भी बढ़ाएगा।
पटना जिला शिक्षा कार्यालय का यह निर्णय शिक्षा के वातावरण को मोबाइल-मुक्त बनाकर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कदम आने वाले महीनों में अन्य जिलों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकता है।