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Ips Amit Lodha: बुरे फंसे ADG साहब...सीनियर IPS अफसर के खिलाफ केस चलाने की इजाजत, नीतीश सरकार ने अभियोजन की दी स्वीकृति, आगे क्या होगा....

Bihar News: 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ीं। बिहार सरकार ने आय से अधिक संपत्ति मामले में अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। अब केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद विशेष निगरानी इकाई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी.

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16-Aug-2025 01:08 PM

By Viveka Nand

Ips Amit Lodha: 1998 बैच के आईपीएस ऑफिसर अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है. बिहार सरकार ने इनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. अब केंद्र से स्वीकृति का इंतजार है.  वहां से अभियोजन की स्वीकृति मिलते ही विशेष निगरानी इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी. अमित लोढ़ा वर्तमान में राज्य अभिलेख ब्यूरो में एडीजी के पद पर पदस्थापित हैं. 

राज्य सरकार ने अभियोजन की दी स्वीकृति

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ केस चलाने (अभियोजन) की स्वीकृति दे दी है. चूंकि आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने के लिए केंद्र सरकार के अनुमति की भी जरूरत होती है, लिहाजा राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद फाइल गृह मंत्रालय की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि, पिछले महीने ही राज्य सरकार ने अमित लोढ़ा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. साथ ही फाइल केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. केंद्र से हरी झंड़ी मिलते ही जांच एजेंसी निगरानी न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करेगी. 

एसवीयू ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दर्ज किया है डीए केस 

विशेष निगरानी इकाई ने आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ 7 दिसंबर 2022 को आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिक की दर्ज की थी. यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम 1998 की धारा 13 (1) भी 13(2) के तहत दर्ज किया गया था. जांच एजेंसी की जांच में 2 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति की बात सामने आई थी. विशेष निगरानी इकाई ने वर्ष 2024 में ही राज्य सरकार से लोढ़ा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. अब जाकर राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति दी है. 

प्रोन्नति के लिए कैट का खटखटाया था दरवाजा 

बता दें, आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के आईजी रहते इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज हुआ था.  केस दर्ज होने के बाद इन्हें एडीजी में प्रोन्नति नहीं मिली. अपनी प्रोन्नति के लिए इन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का दरवाजा खटखटाया. कैट ने लोढ़ा के पक्ष में फैसला सुनाया. इसके बाद सरकार ने लोढ़ा को पदोन्नति देते हुए आईजी से एडीजी बनाया गया . एडीजी में प्रमोशन देने के बाद राज्य सरकार ने आय से अधिक संपत्ति मामले में इनके खिलाफ अभियोजन मंजूरी की संभावना पर विचार करने के लिए कमेटी गठित की. कमेटी की रिपोर्ट के सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद केंद्र से स्वीकृति का इंतजार है. अभियोजन की स्वीकृति मिलते ही जांच एजेंसी आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी.

अमित लोढ़ा पर कई गंभीर आरोप

अमित लोढ़ा पर आरोप है कि सरकारी सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार एवं निजी स्वार्थ लाभ में वित्तीय अनियमितता की. नेटफ्लिक्स तथा फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ सरकारी सेवक होते हुए भी व्यावसायिक कार्य किए. भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता की जांच एजेंसियों द्वारा की गई. जानकारी मिलने के बाद पूरे मामले की जांच की गई. जांच में आरोप सही मिलने पर विशेष निगरानी इकाई ने केस दर्ज किया था. 

आईपीएस आदित्य और अमित लोढ़ा के बीच विवाद के बाद दोनों पर हुआ एक्शन

बता दें कि, गया में आईजी रहते अमित लोढ़ा और वहां के एएसपी रहे आदित्य कुमार के बीच विवाद हुआ था. विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने दोनों का स्थानांतरण किया. फिर दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार निलंबित हुए,और जेल भी गए। शराब केस में आदित्य कुमार पर केस दर्ज किया गया. आदित्य पर डीजीपी को फर्जी कॉल कराने के भी आरोप हैं. कहा जा रहा है कि आदित्य कुमार खुद अमित लोढ़ा को फंसाना चाहते थे. बाद में आय से अदिक संपत्ति केस में एसवीयू ने गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए कई ठिकानों पर छापेमारी भी की. इस तरह से दोनों आईपीएस अधिकारी बुरी तरह से लपेटे में आ गए।