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Bihar SIR : SIR के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राजद और कांग्रेस को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा

Bihar SIR : जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सीधे तौर पर राजनीतिक दलों को फटकार लगाई कि जब लाखों मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से हटा दिए गए हैं तो वे अपनी आपत्ति या शिकायत दर्ज क्यों नहीं करा रहे हैं।

 Bihar SIR : SIR के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राजद और कांग्रेस को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा

22-Aug-2025 01:58 PM

By First Bihar

Bihar SIR : बिहार में पिछले दिनों मतदाता पुनर्निरीक्षण अभियान चलाया गया है। जिसमें वैसे वोटरों का नाम हटा दिया गया कि जो मृत है या बिहार से पलायन कर चके हैं\ लेकिन इसको लेकर चुनाव आयोग के तरफ से जो लिस्ट जारी की गई इसको लेकर विपक्ष ने जमकर सवाल उठाया और इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई और अब आज इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई है। 


सुप्रीम कोर्ट ने SIR के मुद्ददे पर सुनवाई करते हुए जम्नकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने बिहार के राजनीतिक दलों को मतदाता सूची से बाहर रह गए लोगों को दावे और आपत्तियां दर्ज कराने में मदद करने में निष्क्रियता के लिए फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी चुनाव आयोग के उस बयान के बाद आई है जिसमें चुनाव आयोग ने कहा था कि जनता की आलोचना के बावजूद किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं कराई है। 


जानकारी चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कर रहा है। उसने कहा था कि किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने सार्वजनिक आलोचना के बावजूद कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सीधे तौर पर राजनीतिक दलों को फटकार लगाई कि जब लाखों मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से हटा दिए गए हैं तो वे अपनी आपत्ति या शिकायत दर्ज क्यों नहीं करा रहे हैं। 


इसके अलावा कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से केवल तीन ही अदालत में क्यों हैं। इसके बाद आरजेडी की तरफ से पेश हुए मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद मनोज झा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं न कि पूरी पार्टी का।


इधर,अदालत में चुनाव आयोग ने बताया कि 1.6 लाख बीएलए हैं और उन्होंने अनुमान लगाया कि यदि प्रत्येक बीएलए प्रतिदिन 10 लोगों से मिलता है, तो 16 लाख लोगों तक पहुंचा जा सकता है। आयोग के वकील ने कहा कि यह व्यक्तिगत मतदाता की जिम्मेदारी है कि वह अपना पता बदलने या परिवार में किसी की मृत्यु होने पर इसकी जानकारी दे। उन्होंने राजनीतिक दलों पर असहयोग का आरोप लगाया।