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17-Nov-2025 04:53 PM
By FIRST BIHAR
Bihar News: राज्य के आम नागरिकों तक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाएं सरल, व्यवस्थित और प्रभावी रूप से पहुँच सकें, इसके लिए विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी उद्देश्य से सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के वीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को राजस्व सर्वे (प्रशिक्षण) संस्थान, शास्त्रीनगर, पटना में किया गया। नई व्यवस्था के तहत वीएलई अंचल कार्यालयों में स्थापित सीएससी काउंटर पर बैठकर सीधे आम नागरिकों को विभागीय ऑनलाइन सेवाएँ उपलब्ध कराएँगे, जिससे सेवाओं की पहुँच और सरल हो सकेगी।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि जब सभी सेवाएँ ऑनलाइन हैं, तब भी शिकायतों में कमी नहीं आना चिंताजनक है। राजस्व महा–अभियान के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सेवाओं के ऑनलाइन होने के बावजूद रैयतों को पूरी सेवा नहीं मिल पा रही है। लोगों में ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर भय, अनिश्चितता और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी का अभाव है। इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए यह विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने आगे कहा कि पहली बार वीएलई को अंचल कार्यालयों में बैठने की जिम्मेवारी दी गई है ताकि आमलोगों को आसानी से ऑनलाइन सेवा मिल सके। वहां आप सभी विभाग के सलाहकार की भूमिका निभाएँगे। विभागीय प्रावधान, दस्तावेज एवं प्रक्रियाएँ आपको भली-भाँति समझनी होंगी, तभी सेवाएँ प्रभावी रूप से पहुँच पाएँगी।
विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि हम सबके सामने सबसे बड़ी चुनौती डिजिटल डिवाइड को समाप्त करना है। विभागीय सेवाओं के लिए लोग सीधे आपके पास पहुंचेंगे। इसलिए यह जिम्मेवारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप सेवा प्रदाता ही नहीं, बल्कि लोगों के सलाहकार भी हैं। जमीन से संबंधित सभी कार्य अधिनियमों के तहत किए जाते हैं। किस कार्य में कौन–कौन से कागजात आवश्यक हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी होने पर कार्य समय पर पूरे होंगे और शिकायतें कम होंगी।
उन्होंने कहा कि अभी बड़ी संख्या में लोग असंतुष्ट हैं, लेकिन अब अंचल कार्यालय में बैठने के साथ आपकी जिम्मेवारी बढ़ गई है। अच्छी सेवा देंगे तो जनता का विश्वास स्वतः बढ़ेगा। उन्होंने राजस्व अभिलेख, भूमि के प्रकार आदि की विस्तृत जानकारी भी उदाहरण सहित प्रदान की।
इसके उपरांत विशेष कार्य पदाधिकारी चंद्रिमा अत्री तथा आईटी मैनेजर आनंद शंकर ने विभागीय ऑनलाइन सेवाओं, आवश्यक दस्तावेजों और प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन विशेष कार्य पदाधिकारी नवाजिश अख्तर ने किया, जबकि स्वागत–भाषण भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने किया।
नई व्यवस्था तथा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विभागीय सेवाओं की उपलब्धता, दक्षता और पारदर्शिता को और मजबूत करेगा तथा आम जनता को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ निकटतम अंचल कार्यालय में सहजता से मिलेगा।