शराबबंदी वाले बिहार में नशे में धुत शिक्षक ने स्कूल में मचाया हंगामा, वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तारी गाड़ी लगाने के विवाद में हत्या: एक ही परिवार के 4 लोगों को उम्रकैद, कोर्ट का सख्त फैसला BIHAR: पटना में रंगदारी नहीं देने पर मिस्त्री को मारी गोली, CCTV में कैद हुई तस्वीर पटना एम्स निदेशक पर गिरफ्तारी की तलवार, कैट ने जारी किया जमानती वारंट BIHAR CRIME: नालंदा में महिला की हत्या कर शव को दफनाया, शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने पर पड़ोसी ने मौत के घाट उतारा BIHAR CRIME: नवादा में दो चचेरे भाइयों पर चाकू से जानलेवा हमला, एक की हालत गंभीर वैशाली में बना पत्थरों से बना भारत का पहला भव्य बुद्ध स्मृति स्तूप, जुलाई अंत में होगा उद्घाटन Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालय शिक्षकों-कर्मियों के लिए अच्छी खबर, वेतन के लिए सरकार ने स्वीकृत किए 3026.219 करोड़ Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालय शिक्षकों-कर्मियों के लिए अच्छी खबर, वेतन के लिए सरकार ने स्वीकृत किए 3026.219 करोड़ पटना में दो दिवसीय सूत्रा फैशन एग्ज़िबिशन, राखी-तीज पर दिखेगा ट्रेंडिंग डिज़ाइनों का जलवा
14-Jul-2025 06:10 PM
By FIRST BIHAR
Bihar News: बिहार सरकार ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि अब राज्य के मुखिया और सरपंच समेत पंचायत प्रतिनिधि अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस हासिल कर सकते है। सरकार के इस फैसले पर रोक लगाने के लिए पटना हाई कोर्ट में यातिका दायर की गई है।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की एनडीए सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ी सौगात देते हुए उनकी सैलरी को बढ़ाने का एलान किया था। इस एलान के साथ साथ सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि अब राज्य के मुखिया और सरपंच समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रख सकते हैं और उसके लिए सरकार उन्हें लाइसेंस मुहैया कराएगी।
सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने यह जनहित याचिका दाखिल की है और सरकार के इस आदेश को आगामी विधानसभा चुनाव तक स्थगित करने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार का यह फैसला निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकता है। राज्य में करीब ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं और अगर सभी को हथियार मिलते हैं तो इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
इस जनहित याचिका में राज्य सरकार के साथ साथ मुख्य सचिव, डीजीपी, पंचायती राज विभाग के सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है। बता दें कि सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट तय करेगा कि सरकार का निर्मय सही है या उसपर रोक लगाने की जरूरत है।