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30-Jul-2025 10:01 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक राज्य सरकार को जब्त वाहनों की नीलामी और जुर्माना वसूली के माध्यम से 428.50 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से यह आंकड़ा मंगलवार को जारी किया गया। विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार जैन ने बिहार पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद अब तक कुल 96,060 वाहन जब्त किए गए हैं। इनमें से 75,989 वाहनों की नीलामी कर 342.85 करोड़ रुपये और 20,071 वाहनों को जुर्माना भरवाकर छोड़े जाने से 85.65 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। बता दें कि, केवल इस वर्ष (जनवरी से जून 2025 तक) 7,781 वाहन जब्त किए गए हैं, जिनमें 153 बड़े वाहन (जैसे ट्रक, बस आदि) और 7,623 अन्य वाहन शामिल हैं।
अधिकारियों का कहना है कि बिहार में शराब की तस्करी मुख्यतः उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से हो रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए इन राज्यों के डीजीपी और आबकारी आयुक्तों को पत्र लिखे गए हैं ताकि वे अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीमावर्ती जिलों में तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जा रहा है। इस क्रम में राज्य के 23 सीमावर्ती जिलों में 390 चेकपोस्ट स्थापित किए जाने हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों की सीमा से लगे 161 अतिरिक्त चेकपोस्ट के लिए भी स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं। शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले में अब तक 63,442 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 38,741 आरोपी शराब पीने वाले और 24,701 आपूर्तिकर्ता या वितरक हैं।
इसके अलावा, शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य से बाहर के 13,921 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। इस वर्ष जून तक उत्पाद अधिनियम के तहत 8,546 आरोपियों के नाम 'गुंडा रजिस्टर' में दर्ज किए गए हैं, जबकि 1,344 के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) के तहत कार्रवाई की गई है।
अवैध शराब व्यापार से अर्जित संपत्ति के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 240 ऐसे लोगों की पहचान की जा चुकी है जिन्होंने इस अवैध कारोबार से संपत्ति अर्जित की है। इनमें से 76 लोगों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव अदालत में प्रस्तुत किया गया है।
1अप्रैल 2016 से 3 जुलाई 2025 तक शराबबंदी कानून के अंतर्गत कुल 5,36,921 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों के तहत विभिन्न अदालतों ने अब तक 6,40,379 लोगों को सजा सुनाई है। इनमें 9 आरोपियों को फांसी की सजा, 18 को आजीवन कारावास, 222 को 10 वर्ष से अधिक की सजा, 935 को 2 से 10 वर्ष तक की सजा और 621 को 2 वर्ष से कम की सजा मिली है।
बिहार सरकार के अनुसार, यह सख्त कार्रवाई शराबबंदी को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जरूरी है। अधिकारियों का दावा है कि इससे सामाजिक शांति, महिलाओं की सुरक्षा और अपराध में गिरावट आई है। हालांकि, इस कानून की व्यावहारिक चुनौतियाँ और आलोचनाएं भी सामने आती रही हैं।