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27-Sep-2025 05:05 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS : विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग की सख्ती के बाद बिहार सरकार ने विभिन्न विभागों में अधिकारियों के तबादले और नई पोस्टिंग की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राज्य सरकार ने कई अहम आदेश जारी किए, जिसके तहत ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण विभाग और राजस्व विभाग सहित कई विभागों में अफसरों का स्थानांतरण और अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सबसे पहले ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी सरोज कुमार झा को खेल निदेशालय में पदस्थापित किया गया है। सरकार के आदेश के मुताबिक उन्हें वर्तमान पद से रिलीव कर खेल निदेशालय में सेवा देने के लिए निर्देशित किया गया है।
वहीं, भवन निर्माण विभाग में भी कई स्तर पर बदलाव किए गए हैं। अशोक कुमार, मुख्य अभियंता (दक्षिण) सचिव प्रावैधिकी (अतिरिक्त प्रभार मुख्य अभियंता, पटना के सचिव प्रावैधिकी) को अगले आदेश तक अधीक्षण अभियंता, अग्रिम योजना अंचल, पटना भवन निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा पवन कुमार, अधीक्षण अभियंता, संरचना अंचल, पटना भवन निर्माण विभाग को अपने कार्यों के अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता, भवन निरूपण अंचल संख्या-01, पटना एवं निदेशक, निरूपण इकाई, पटना भवन निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह आदेश रामबाबू प्रसाद की संविदा अवधि 30 सितंबर 2025 को समाप्त होने के बाद प्रभावी होगा।
प्रशासनिक स्तर पर भी बदलाव किए गए हैं। डेजी सिंह, राजस्व अधिकारी-सह-कानूनगो, बन्दोबस्त कार्यालय, वैशाली को प्रतिनियुक्ति पर मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) भेजा गया है। आदेश के अनुसार अब वह बन्दोबस्त कार्यालय, मोतिहारी में कार्यभार संभालेंगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि डेजी सिंह को मोतिहारी के सक्षम प्राधिकार से निर्गत उपस्थिति विवरणी के आधार पर ही वेतन भुगतान किया जाएगा।
इधर, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भी तबादले की बड़ी लिस्ट जारी की गई है। विभाग ने कुल 23 अधिकारियों का स्थानांतरण किया है, जिसमें सहायक निदेशक से लेकर अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी तक शामिल हैं। सरकार के इस आदेश से साफ हो गया है कि आयोग के निर्देश के बाद संवेदनशील पदों पर तैनात अफसरों को हटाया जा रहा है और नए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को साफ निर्देश दिया है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील पदों पर लंबे समय से जमे अधिकारियों को हटाया जाए। इसी दिशा में सरकार ने यह कार्रवाई की है। कई जिलों में भू-अर्जन और राजस्व से जुड़े अधिकारी लंबे समय से पदस्थापित थे। अब उनके स्थान पर नए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपकर चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने की कवायद तेज कर दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हर चुनाव से पहले आयोग इसी तरह बड़े पैमाने पर ट्रांसफर–पोस्टिंग कराता है ताकि किसी भी तरह का पक्षपात न हो सके। इस बार भी बिहार सरकार ने आयोग के आदेश का पालन करते हुए ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण विभाग और राजस्व विभाग सहित कई जगहों पर अधिकारियों की अदला-बदली की है।
हालांकि, कई जगहों पर यह भी चर्चा है कि इस प्रक्रिया में कुछ अधिकारियों को प्रमोशन जैसे अतिरिक्त प्रभार दिए गए हैं, जबकि कुछ को प्रतिनियुक्त कर नई जगह भेजा गया है। खासकर भवन निर्माण विभाग में दिए गए अतिरिक्त प्रभार से संकेत मिलता है कि सरकार कार्य की निरंतरता बनाए रखना चाहती है।
राज्य सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में और भी तबादलों की संभावना बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग, पुलिस महकमे और जिला प्रशासनिक ढांचे में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जा सकते हैं।
फिलहाल जो आदेश जारी किए गए हैं, उनसे यह साफ है कि सरकार चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों को लेकर पूरी तरह गंभीर है और चुनाव प्रक्रिया को किसी भी प्रकार के संदेह से परे रखने के लिए लगातार कदम उठा रही है।