निशांत ने पैर छूकर पापा से लिया आशीर्वाद, कहा..पिताजी पूरी तरह फिट हैं, जनता से किये सभी वादे पूरा करेंगे Bihar News: बिहार के युवाओं के पास विदेश में नौकरी करने का मौका, इस दिन तक कर सकते हैं आवेदन 10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को तेज प्रताप यादव ने दी बधाई, बेरोजगारी और पलायन पर क्या बोले जानिये? घरेलू विवाद में छोटे भाई ने बड़े भाई की चाकू मारकर की हत्या, इलाके में सनसनी Patna Crime News: पटना में भतीजे ने दिव्यांग चाचा को उतारा मौत के घाट, स्थानीय लोगों ने आरोपी को दबोच किया पुलिस के हवाले सहरसा के युवक की संदिग्ध मौत: मधेपुरा में मिला शव, परिजनों ने दोस्तों पर लगाया हत्या का आरोप Bihar News: बिहार के इस जिले में निशुल्क स्मार्ट डिजिटल लाइब्रेरी शुरू, स्थानीय छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत बेगूसराय में पुलिस और STF की संयुक्त कार्रवाई, मुठभेड़ में एक अपराधी घायल, 4 गिरफ्तार Bihar News: बिहार के इस जिले में विदेशी शराब की बड़ी खेप जब्त, पुलिस के दिमाग के आगे फेल हुआ तस्कर का जुगाड़ घुटने टेककर मायावती से मिले बिहार के इकलौते BSP विधायक सतीश सिंह, मुस्कुराती रहीं बसपा सुप्रीमो
06-Oct-2025 11:37 AM
By First Bihar
BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान 6 अक्टूबर, सोमवार को कर सकती है। इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इससे पहले ही चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव की तिथि की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी और आगामी चुनाव में लागू होने वाली 17 नई पहलें न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए मार्गदर्शक साबित होंगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि बिहार में चुनाव को छठ महापर्व की तरह लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में मतदाताओं को संबोधित करते हुए उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। कुमार ने कहा कि बिहार ने वैशाली से लोकतंत्र को जन्म दिया है और अब राज्य से ही चुनाव सुधार की नई दिशा पूरे देश को मिलेगी।
उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम हटा दिए जाने की जानकारी दी। योग्य मतदाता नामांकन की समाप्ति से दस दिन पहले तक फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भरकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। कुमार ने बताया कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हुआ है और यह 22 वर्षों के बाद संभव हुआ है। इससे पहले बिहार में गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था। उन्होंने कहा कि 243 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक में एक ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) और 90,207 बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की मदद से यह शुद्धिकरण संभव हुआ।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और मतदाताओं की सुविधा के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया गया है, लेकिन यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। साथ ही राजनीतिक दलों से अपील की कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने एजेंट की नियुक्ति सुनिश्चित करें और फॉर्म 17C तक मतदान प्रक्रिया में उपस्थित रहें।
मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब एक बूथ पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1200 कर दी गई है ताकि लंबी कतारें न लगें। साथ ही मतदाताओं को मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र आने की अनुमति भी दी गई है। इस बार कई तकनीकी सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने वाले उपाय किए गए हैं। इनमें ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म’ प्रमुख है, जिसके माध्यम से मतदाता और उम्मीदवार चुनाव से संबंधित सभी सूचनाएं एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकेंगे।
कुमार ने बताया कि प्रत्याशी अपने एजेंट को बूथ से 100 मीटर की दूरी तक तैनात कर सकेंगे ताकि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। बिहार के सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे मतदान की पूरी प्रक्रिया पर वास्तविक समय में निगरानी संभव होगी। इसके अलावा, ईवीएम में सुधार किया गया है। अब मशीन पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और क्रमांक बड़े अक्षरों में दिखाई देंगे, जिससे मतदाता आसानी से पहचान कर सकेंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदाताओं से अपील की कि वे मतदान के दिन इसे एक उत्सव की तरह मनाएं। उन्होंने कहा, 'छठ की तरह यह भी हमारे लोकतंत्र का पर्व है। सभी लोग आगे आएं, वोट डालें और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सम्मान करें।' इस चुनाव में राजनीतिक दलों और गठबंधनों के बीच बिहार में सीटों का बंटवारा पहले ही तय हो चुका है, और अब मतदाताओं के लिए मतदान के दिन लोकतंत्र के इस महापर्व का अनुभव करना महत्वपूर्ण होगा।
इस प्रकार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र के लिए एक नया उदाहरण पेश करेगा। मतदाताओं की सुविधा, पारदर्शिता और तकनीकी सुधारों के माध्यम से यह चुनाव ऐतिहासिक और लोकतांत्रिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।