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सुपर एक्शन में केके पाठक: 6 घंटे में जारी किये 36 आदेश, बिहार के दो जिलों के पूरी तस्वीर ही बदल जायेगी

बिहार सरकार के राजस्व पर्षद को अधिकारियों का कोल्ड स्टोरेज माना जाता है. लेकिन केके पाठक राजस्व पर्षद के अध्यक्ष बनने के बाद फुल एक्शन में हैं. उन्होंने 6 घंटे में 36 आदेश जारी किये हैं. इससे बिहार के दो जिलों की पूरी तस्वीर ही बदल जायेगी.

BIHAR

11-Mar-2025 08:07 PM

By First Bihar

BETIA: (KK Pathak) बिहार सरकार में राजस्व पर्षद को कोल्ड स्टोरेज कहा जाता है. सचिवालय में हर कोई ये जानता है कि अगर किसी अधिकारी से कोई काम नहीं कराना हो तो सरकार उसकी पोस्टिंग राजस्व पर्षद में कर देती है. लेकिन इसी राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक सुपर एक्शन में आ गये हैं. केके पाठक ने 6 घंटे में 36 आदेश जारी कर दिये हैं. उनके आदेश पर अमल होने के बाद बिहार के दो जिलों की पूरी तस्वीर ही बदल जायेगी. 


बेतिया राज की जमीन पर केके पाठक का मास्टर प्लान

बता दें कि बिहार सरकार ने करीब तीन महीने पहले विधानमंडल से प्रस्ताव पारित कर बेतिया राज की करीब 15 हजार 358 एकड़ जमीन को अपने अधीन ले लिया है. बेतिया राज की जमीन बिहार और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में फैली हुई है. बिहार में बेतिया राज की अधिकांश जमीन पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले में है. इसके अलावा सारण, सिवान, गोपालगंज और पटना में भी बेतिया राज की जमीन है. वहीं, लगभग 143 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश में है. बेतिय़ा राज के जमीन की कीमत लगभग 8000 करोड़ रुपये आंकी गई है. 


बेतिया राज की जमीन का बिहार सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिये जाने के बाद इसका नियंत्रण राजस्व पर्षद के हाथों में आ गया है. केके पाठक राजस्व पर्षद के अध्यक्ष हैं. पिछले तीन महीनों से उनका पूरा फोकस बेतिया राज की जमीन का मुक्त कराने के साथ ही उस जमीन पर विकास कराने का है. 


बेतिया पहुंचे केके पाठक

सोमवार की रात राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक अपनी पूरी एक्सपर्ट टीम के साथ बेतिया पहुंचे. मंगलवार की सुबह से ही वे एक्शन में आ गए. उनकी सक्रियता का हाल ये था कि उन्होंने लगभग छह घंटे में 36 आदेश जारी कर दिये. सर्किट हाउस से निकलने के बाद वे सीधे बेतिया राज की खाली पड़ी जमीनों का निरीक्षण करने निकल गये.


सबसे पहले वे हजारी पशु मेला ग्राउंड पहुंचे, जो 110 एकड़ में फैला हुआ है. उन्होंने कहा कि इस जमीन का उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री सहित दूसरे काम के लिए किया जा सकता है. केके पाठक ने सरिसवा रोड पावर ग्रिड, माधोपुर, और मैनाटांड़ रोड में स्थित बेतिया राज की खाली जमीनों का निरीक्षण किया. उन्होंने अतिक्रमण कर ली गयी बेतिया राज की जमीन की भी पूरी जानकारी ली. 


नया टाउनशिप से लेकर इंड्रस्ट्रियल एरिया बनेगा

बेतिया राज की ज्यादातर जमीन पश्चिम चंपारण यानि बेतिया जिले में है. वहीं, अच्छी खासी जमीन पूर्वी चंपारण यानि मोतिहारी में भी है. केके पाठक ने बेतिया राज की जमीनों को तीन श्रेणी में बांटने को कहा है. पहली श्रेणी 50 एकड़ से ज्यादा रकबा वाले प्लॉटों का होगा. दूसरी श्रेणी में 20 एकड़ से ज्यादा रकबा वाली जमीन आयेगी. तीसरी श्रेणी में वैसी जमीन होगी जिनका रकबा कम होगा. 


दो जिलों का हो जायेगा कायाकल्प

केके पाठक ने कहा कि सबसे पहले बड़े-बड़े भूखंडों का उपयोग किया जाएगा, फिर छोटे भूखंडों का. उन्होंने बताया कि बेतिया राज की जमीन पर टाउनशिप डेवलप किया जायेगा. इसके अलावा इंड्रस्ट्रियल एरिया भी डेवलप किया जायेगा, जिससे उद्योग-धंधे भी स्थापित किए जाएंगे. केके जिससे न केवल बेतिया औऱ मोतिहारी का विकास होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आएगा. 


बता दें कि पश्चिम चंपारण में बेतिया राज की 9759 एकड़ जमीन है. इसमें से 6505 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. वहीं, पूर्वी चंपारण में बेतिया राज की 5320 एकड़ जमीन है. करीब 3221 एकड़ जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. के के पाठक ने बेतिया राज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान भी तेज कर दिया है. 


राज भवन देख कर मंत्रमुग्ध हुए केके पाठक

बेतिया राज की जमीन का निरीक्षण के बाद केके पाठक राज भवन पहुंचे. उन्होंने राज भवन के शीश महल, रानी निवास, मंदिर, कुआं, दुर्गा पूजा मंडप जैसे ऐतिहासिक स्थलों का काफी देर तक निरीक्षण किया.  राज भवन की दीवारों पर बनी कलाकृति को देखकर उन्होंने कहा, कि ये सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि यहां का गौरव है.


बेतिया राजभवन चमकेगा

केके पाठक अपने साथ आर्किटेक्ट और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर पहुंचे थे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज भवन के मौलिक स्वरूप को संरक्षित रखते हुए विकास की योजना तैयार करें. उन्होंने सख्त तौर पर कहा कि जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान परिसर में मौजूद हरे पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए.


राज व्यवस्थापक अनिल कुमार सिन्हा ने केके पाठक को राज भवन के इतिहास और उसके उपयोग की जानकारी दी.  राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक के साथ सचिव गिरिवर दयाल सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स और पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. वे केके पाठक के हर आदेश को नोट कर रहे थे. केके पाठक ने साफ कहा कि वे बेतिया राज से संबंधित सारे मामलों की खुद निगरानी करेंगे. इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जायेगी. 


बेतिया राज के कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

बेतिया राज के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद व्यास ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर एक ज्ञापन राजस्व पर्षद के अध्यक्ष को सौंपा. ज्ञापन में कर्मचारियों के वेतन वृद्धि की मांग की गई थी. कर्मचारियों ने बताया कि बेतिया राज के कर्मचारियों, मंदिरों के पुजारियों और टहलुओं का वेतन बहुत कम है. संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तुलना में अधिक मानदेय दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है. केके पाठक ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.