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Bihar News: छोटे बच्चे की जान बचाने वाले 11 वर्षीय को लील गई नदी, 20 घंटे बाद शव बरामद; इतनी सी ही जिंदगी में पा गया 'सुपर हीरो' का तमगा

Bihar News: कैमूर के जयपुर गांव में नदी में डूबे 11 वर्षीय कमलेश कुमार का शव 20 घंटे बाद 15 किमी दूर अकोढी मेला के पास बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

Bihar News

26-Jul-2025 01:17 PM

By First Bihar

Bihar News: कैमूर के मोहनिया थाना क्षेत्र से एक बड़ी ही दुखद खबर है, जहां जयपुर गांव में दुर्गावती नदी में डूबे 11 वर्षीय कमलेश कुमार का शव 20 घंटे बाद 15 किलोमीटर दूर अकोढी मेला के पास बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल, भभुआ भेज दिया है।


यह घटना शुक्रवार दोपहर करीब 12:00 बजे कैमूर जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र के जयपुर गांव में हुई थी। जहां जयपुर गांव निवासी दुखी जायसवाल का 11 वर्षीय पुत्र कमलेश कुमार दुर्गावती नदी में नहाने के दौरान डूब गया। स्थानीय निवासी दिनेश कुमार यादव ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि तीन बच्चे नदी में नहाने गए थे। उन्हीं में से एक छोटा बच्चा डूब रहा था, जिसे बचाने के लिए कमलेश गया। उसने बच्चे को तो बचा लिया, लेकिन खुद नदी का शिकार बन गया।


इसके बाद ग्रामीणों ने शुक्रवार दोपहर को 20-30 की संख्या में नदी में कमलेश की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। प्रशासन को सूचना दी गई और फिर गोताखोरों ने शाम 6:00 बजे तक खोजबीन की, लेकिन सफलता नहीं मिली। शनिवार सुबह 4:00 बजे से ग्रामीणों ने फिर से नदी के किनारे तलाश शुरू की। सुबह 8:00 बजे अकोढी मेला के पास एक पुल के किनारे कमलेश का शव फंसा हुआ मिला, जो गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर था।


इसके बाद ग्रामीणों ने नम आँखों से कमलेश के शव को मोहनिया थाना लाया, जहां पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल, भभुआ भेज दिया। इस घटना से परिवार और गांव में शोक का माहौल है मगर साथ ही कमलेश की बहादुरी की चर्चा भी पूरे इलाके में हो रही है। जो काम ज्यादातर लोग अपनी पूरी जिंदगी में नहीं कर पाते हैं वो काम कमलेश 11 वर्ष की उम्र में ही कर गया।


इस बात की काफी संभावना है कि आने वाले समय में इस गाँव और इसके आसपास के गाँवों में बच्चों को कमलेश की वीरता की कहानी बड़े-बुजुर्ग सुनाएंगे। एक ऐसे सुपर हीरो के रूप में जिसने अपने से कम उम्र के एक मासूम को बचाने के लिए खुद की जान की परवाह नहीं की।


रिपोर्टर: रंजन त्रिगुण