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03-Mar-2025 08:45 AM
बिहार में विकास की गति तेज हो रही है और अब कपड़ा उद्योग को नई दिशा देने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने घोषणा की है कि गया को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए एयरजेट और वाटरजेट जैसी हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इलाके का कायाकल्प होगा और स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिहार के विकास को नई ऊंचाई पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए सिर्फ एक पुल था, लेकिन अब बक्सर से साहेबगंज तक 17 पुल बन चुके हैं। यह बिहार के बदलते स्वरूप को दर्शाता है।
गया में टेक्सटाइल हब बनने से स्थानीय स्तर पर कपड़ा उद्योग को मजबूती मिलेगी। बड़ी मशीनों के आने से न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि आधुनिक तकनीक के कारण कपड़ा निर्माण की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। इससे गया, नवादा, औरंगाबाद और आसपास के जिलों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि इस पहल से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। कपड़ा उद्योग में कुशल श्रमिकों की आवश्यकता को देखते हुए युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे कपड़ा उद्योग में अपनी जगह बना सकें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार अब पिछड़ेपन के दौर से निकलकर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। बिजली, सड़क और रेल संपर्क में सुधार के कारण यहां उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा कि गया में कपड़ा उद्योग की स्थापना से बिहार को आर्थिक मजबूती मिलेगी और राज्य के विकास में तेजी आएगी।
गया को टेक्सटाइल हब बनाने के लिए सरकार बड़े निवेशकों को आकर्षित करने की योजना बना रही है। सरकार के मुताबिक कपड़ा उद्योग के विस्तार के लिए विशेष आर्थिक पैकेज भी दिया जाएगा। इससे न सिर्फ बिहार में कपड़ा उद्योग को नई पहचान मिलेगी, बल्कि दूसरे राज्यों के व्यवसायी और उद्यमी भी यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगे।
बिहार में उद्योगों के विस्तार से पलायन की समस्या भी कम होगी। मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अब बिहार के युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहेंगे। गया का टेक्सटाइल हब बनना राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।