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04-Aug-2025 08:33 AM
By First Bihar
Bihar News: सावन की पवित्र रात उस वक्त मातम में बदल गई जब भागलपुर जिले के शाहकुंड थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 5 कांवड़ियों की मौत हो गई। यह हादसा रविवार देर रात लगभग 11:30 बजे हुआ, जब डीजे वाहन सवार 12 कांवड़िए सुल्तानगंज स्थित गंगा घाट पर जलार्पण के लिए जा रहे थे। अचानक, वाहन शाहकुंड-भागलपुर मुख्य सड़क पर बेलथू महतो स्थान के पास तेज बहाव वाली बरसाती नदी में पलट गया।
घटना के वक्त क्षेत्र में भारी बारिश हो रही थी और बरसाती नदी का पानी सड़क के समानांतर बहने लगा था। बताया गया कि तेज डीजे की आवाज़, अंधेरे और तेज बारिश के कारण चालक को नदी का बहाव नज़र नहीं आया और वाहन पानी में समा गया। वाहन पर डीजे और जनरेटर लगा था, और सभी युवक सावन की अंतिम सोमवारी पर गंगा स्नान के बाद अमरपुर स्थित जैठोरनाथ धाम जाने की योजना में थे।
हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों और शाहकुंड पुलिस की मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया। गहरे पानी से युवकों को बाहर निकाला गया और सभी को शाहकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। डॉक्टरों ने वहां पांच युवकों को मृत घोषित किया। मृत सभी युवक स्कूली छात्र थे और उच्च विद्यालय शाहकुंड में पढ़ते थे। मृतकों की पहचान संतोष कुमार (20 वर्ष, पिता - निमल पासवान), मनोज कुमार, विक्रम कुमार, अंकुश कुमार और एक अन्य विक्रम कुमार के रूप में हुई है। सभी युवक शाहकुंड उच्च विद्यालय के छात्र थे और खेरही पंचायत (पुरानी खेरही व कसवा खेरही गांव) के निवासी थे, जो शाहकुंड बाजार से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीजे वाहन पर कुल 12 युवक सवार थे। हादसे के बाद तीन युवक तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन वे अभी सदमे में हैं और बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। वाहन चालक का अब तक पता नहीं चल पाया है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि वह डर के मारे भाग गया, जबकि अन्य का मानना है कि वह भी डूब गया है। चालक की तलाश के लिए जेसीबी मशीन मंगाई गई है और खोज अभियान जारी है।
इस घटना ने सावन की कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती लापरवाही और डीजे कल्चर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीजे की तेज़ आवाज, नाच-गाने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने पांच जिंदगियों को समय से पहले छीन लिया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है और वाहन चालक की भूमिका की जांच की जा रही है।
यह घटना बिहार में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। सावन की आस्था और ऊर्जा अब शोक और जांच के बीच उलझ गई है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए बेहतर इंतज़ाम किए जाएं ताकि श्रद्धा की यह यात्रा फिर कभी शोकगीत में न बदले।