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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 11 Oct 2025 10:16:31 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Greatest Cricketers: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपनी कंसिस्टेंसी और क्लास से हमेशा सुर्खियां बटोरीं हैं। इनमें विशेष तौर पर शामिल हैं सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और महेंद्र सिंह धोनी। ये तीन दिग्गज ऐसे हैं जिन्हें डेब्यू से लेकर संन्यास तक कभी खराब फॉर्म के कारण भारतीय टीम से ड्रॉप नहीं किया गया। इनके मैदान पर उतरने से स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भर जाते थे और टिकटों की कीमतें भी इनके खेलने पर ही निर्भर करती थीं। भारत ही नहीं, दुनिया भर के क्रिकेट फैंस के दिलों में ये आज भी राज करते हैं। आइए, इन तीन महान क्रिकेटरों की कहानी पर नजर डालें..
सचिन तेंदुलकर: क्रिकेट की दुनिया के ‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 को 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। अगले 24 साल तक उन्होंने क्रिकेट पर राज किया, और इस दौरान खराब फॉर्म की वजह से उन्हें कभी बाहर नहीं किया गया। चोटों ने कुछ मैच छीने, और करियर के अंत में वर्कलोड मैनेजमेंट के लिए उन्हें रेस्ट दिया गया, लेकिन फॉर्म की कमी कभी उनकी राह में रोड़ा नहीं बनी। सचिन ने 200 टेस्ट और 463 वनडे में 34,357 रन बनाए, जिसमें 100 शतक और 164 अर्धशतक शामिल हैं। ये रिकॉर्ड इतना विशाल है कि इसे तोड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए सपने जैसा है। 14 नवंबर 2013 को वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेलकर उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा, लेकिन उनकी विरासत आज भी जिंदा है।
सुनील गावस्कर: अपने दौर के बेस्ट ओपनर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। 16 साल के करियर में उनकी बल्लेबाजी का जलवा ऐसा था कि उन्हें कभी फॉर्म के आधार पर ड्रॉप नहीं किया गया। स्टेडियम में उनकी मौजूदगी टिकटों की डिमांड बढ़ा देती थी। गावस्कर ने 125 टेस्ट में 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक थे। उस समय 10,000 टेस्ट रन एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जिसे बाद में सचिन ने तोड़ा। वनडे में उन्होंने 108 मैचों में 3,092 रन बनाए, जिसमें एक शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। 1987 में रिटायर होने तक उनकी जगह भारतीय XI में अटल रही।
महेंद्र सिंह धोनी: भारत के ‘कैप्टन कूल’ एमएस धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था। चोटों की वजह से उनके कुछ मैच छूटे, लेकिन फॉर्म की कमी के कारण उन्हें कभी बाहर नहीं किया गया। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जिताई। 2009 में उनकी अगुवाई में भारत टेस्ट में नंबर-1 बना। धोनी ने 350 वनडे में 10,773 रन (10 शतक, 73 अर्धशतक), 90 टेस्ट में 4,876 रन (6 शतक, 33 अर्धशतक) और 98 टी20I में 1,617 रन (2 अर्धशतक) बनाए। 2019 वर्ल्ड कप के बाद 15 अगस्त 2020 को उन्होंने संन्यास लिया, लेकिन उनकी फिनिशिंग और चतुराई आज भी फैंस के जेहन में है।