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Diwali 2025: दिवाली पर सिर्फ लक्ष्मी-गणेश ही नहीं, बल्कि इन मूर्तियों को भी लाए घर; फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

Diwali 2025: मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना शुभ माना गया है, जिसमें मां लक्ष्मी की मूर्ति हमेशा कमल के फूल पर विराजमान होनी चाहिए। यह संकेत देता है कि घर में स्थायी लक्ष्मी का वास रहेगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Oct 2025 01:47:25 PM IST

Diwali 2025

दिवाली 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Diwali 2025: दिवाली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व माना जाता है। यह उत्सव पांच दिनों तक मनाया जाता है धनतेरस से लेकर भाई दूज तक। हर दिन का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन धन, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है।


दिवाली के दिन शाम के समय घर, दुकान या दफ्तर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्तियां स्थापित करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि नई मूर्तियां घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि लाती हैं। पूजा-अर्चना के बाद पुरानी मूर्तियों का विधिवत विसर्जन कर नई मूर्तियों को पूरे वर्ष तक स्थापित रखा जाता है।


मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना शुभ माना गया है, जिसमें मां लक्ष्मी की मूर्ति हमेशा कमल के फूल पर विराजमान होनी चाहिए। यह संकेत देता है कि घर में स्थायी लक्ष्मी का वास रहेगा। लक्ष्मीजी का दाहिना हाथ वरमुद्रा में हो, जिससे घर में धन और आशीर्वाद की वृद्धि होती है। खड़ी हुई लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने से बचें, क्योंकि इसे घर से लक्ष्मी के जाने का प्रतीक माना गया है। भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि उनके हाथ में मोदक या लड्डू अवश्य हो, जो सुख, समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक है। गणेशजी की सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए, और उनके साथ वाहन मूषक (चूहा) का होना भी आवश्यक है।


दिवाली पर सिर्फ देवी-देवताओं की ही नहीं, बल्कि कुछ विशेष जानवरों की मूर्तियां भी खरीदना बहुत शुभ माना गया है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, ये मूर्तियां घर में धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं।


हाथी की मूर्ति: भगवान गणेश का प्रतीक माने जाने वाला हाथी धन, बुद्धि और शक्ति का सूचक है। घर या कार्यालय में हाथी की मूर्ति रखने से आर्थिक स्थिरता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसे घर के मुख्य द्वार या उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है।


गाय की मूर्ति: गाय को शांति, समृद्धि और मातृत्व का प्रतीक माना गया है। वास्तु के अनुसार, इसे उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहती है।


कछुआ की मूर्ति: कछुआ दीर्घायु, स्थिरता और खुशहाली का प्रतीक है। इसे उत्तर-पश्चिम दिशा में रखने से परिवार में सामंजस्य और आर्थिक स्थिरता आती है।


उल्लू की मूर्ति: मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और धन आगमन के नए अवसर लाता है। दिवाली पर उल्लू की मूर्ति घर में रखने से धन की हानि से बचाव होता है।


दिवाली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि यह सकारात्मकता, नई शुरुआत और ईश्वरीय कृपा का प्रतीक है। इस दिन सही मूर्तियों की स्थापना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मनोवैज्ञानिक और वास्तु दृष्टिकोण से भी शुभ मानी जाती है। घर में सही दिशा और भावना के साथ मूर्तियां स्थापित करने से धन, सुख, सौभाग्य और मानसिक शांति का आगमन होता है।