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Vidur Niti : मूर्खता को पहचानें और उससे बचने के आसान उपाय

Vidur Niti : महात्मा विदुर द्वारा कही गई 'विदुर नीति' आज भी जीवन को सही दिशा देने में सहायक है। इसमें उन्होंने न केवल नीति, राजनीति और व्यवहार की बातें कहीं, बल्कि यह भी बताया कि मूर्ख व्यक्ति की पहचान कैसे करें और ऐसे लोगों से कैसे बचें|

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 05 Apr 2025 01:27:48 PM IST

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प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

 Vidur Niti : महात्मा विदुर, जो महाभारत काल के एक अत्यंत विवेकशील और बुद्धिमान व्यक्तित्व थे, उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से जीवन, राजनीति और कूटनीति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सीखें दी हैं। उनके और धृतराष्ट्र के बीच हुए संवाद को ही 'विदुर नीति' कहा जाता है। इस नीति में जीवन जीने के व्यवहारिक और नैतिक मूल्यों की गहराई से व्याख्या की गई है, जो आज भी हमें सही दिशा दिखाती है।

विदुर का जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था और वे महर्षि वेदव्यास के पुत्र थे। हालांकि वे हस्तिनापुर के राजा नहीं बन सके, लेकिन उन्हें वहां का महामंत्री नियुक्त किया गया था। अपनी दूरदृष्टि, नीति-बुद्धि और गहन सोच के कारण वे एक कुशल राजनयिक और राजनीति के ज्ञाता माने गए। विदुर नीति में उन्होंने मूर्ख व्यक्ति की कुछ आदतों को उजागर किया है, जो आज भी हमारे लिए चेतावनी स्वरूप हैं। यदि किसी व्यक्ति में ये आदतें या स्वभाव देखे जाएं, तो उससे दूरी बना लेना ही समझदारी है, क्योंकि ऐसे संबंध जीवन में संकट ला सकते हैं।

विदुर नीति के अनुसार:

 जिसके पास ज्ञान होते हुए भी वह घमंड करता है, उसे विद्वान नहीं बल्कि मूर्ख समझा जाना चाहिए। ऐसे लोगों से मेलजोल रखना हानिकारक हो सकता है।

 जो अत्यंत निर्धन होते हुए भी बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाते हैं, वे भी मूर्खों की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि बिना संसाधनों के केवल सपनों में जीना व्यर्थ है।

 जो बिना परिश्रम के धन प्राप्त करना चाहते हैं, वे भी अज्ञानी माने जाते हैं, क्योंकि मेहनत के बिना कुछ भी पाना संभव नहीं होता।

 विदुर नीति हमें यह सिखाती है कि हमें किन लोगों से दूरी बनाए रखनी चाहिए ताकि हमारा जीवन संतुलित, सुरक्षित और सफलता की ओर अग्रसर हो सके। उनके द्वारा बताए गए सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक  हैं जितने वे महाभारत काल में थे।