Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Feb 2025 09:23:56 AM IST
Ram Navami - फ़ोटो Ram Navami
Ram Navami 2025: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस साल 06 अप्रैल को रामनवमी का पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम की पूजा-अर्चना कर भक्तगण व्रत रखते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि भगवान राम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर दोपहर के समय कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। इस विशेष समय पर ग्रहों की स्थिति इतनी शुभ थी कि उनके अवतरण ने पूरी सृष्टि को दिव्य आभा से आलोकित कर दिया। इस लेख में हम रामनवमी के महत्व, भगवान राम के जन्म की ज्योतिषीय स्थिति और उनके शुक्र ग्रह से गहरे नाते के बारे में विस्तार से जानेंगे।
वाल्मीकि रामायण में राम जन्म का वर्णन
वाल्मीकि रामायण के श्लोक में भगवान श्रीराम के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को इस प्रकार वर्णित किया गया है:
ततश्च द्वादशे मासे चैत्रे नावमिके तिथौ।
नक्षत्रेऽदितिदैवत्ये स्वोच्चसंस्थेषु पंचसु।
ग्रहेषु कर्कटे लग्ने वाक्पताविन्दुना सह॥
प्रोद्यमाने जनन्नाथं सर्वलोकनमस्कृतम्।
कौसल्याजयद् रामं दिव्यलक्षणसंयुतम्॥
इस श्लोक के अनुसार, भगवान राम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। यह दिन अत्यंत पवित्र और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
भगवान राम के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति
श्रीराम के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति अत्यंत शुभ और विशेष थी। ग्रहों के उच्च भाव में स्थित होने के कारण, भगवान राम का जीवन दिव्यता और संघर्ष का प्रतीक बना।
चंद्रमा: कर्क राशि में थे, जो मन के स्थिरता और भावुकता का कारक है।
सूर्य: मेष राशि में थे, जो नेतृत्व और तेजस्विता प्रदान करते हैं।
मंगल: मकर राशि में उच्च अवस्था में थे, जो साहस और पराक्रम का द्योतक है।
शनि: तुला राशि में स्थित थे, जो संतुलन और न्याय का प्रतीक है।
बृहस्पति: कर्क राशि में थे, जो ज्ञान और धर्म के कारक हैं।
शुक्र: मीन राशि में स्थित थे, जो सुख और सौंदर्य के प्रतीक माने जाते हैं।
शुक्र ग्रह और रामनवमी का संबंध
रामनवमी के समय शुक्र ग्रह का मीन राशि में गोचर महत्वपूर्ण माना जाता है। यह स्थिति सुख, समृद्धि और भक्ति का संचार करती है। वर्तमान में भी शुक्र ग्रह मीन राशि में हैं और 30 मई तक इसी राशि में रहेंगे। भगवान श्रीराम के जीवन में शुक्र ग्रह की स्थिति उनके शांत और संतुलित स्वभाव का प्रतीक है।
भगवान राम का जीवन और ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, शनिदेव के मातृ एवं जीवनसाथी भाव में मंगल की उपस्थिति ने भगवान राम के जीवन को कठिन संघर्षों से भर दिया। यद्यपि इन संघर्षों ने उनके चरित्र को और अधिक महान बनाया। उनके जीवन में अदम्य साहस, धैर्य और मर्यादा का संचार ग्रहों की इन विशेष स्थितियों के कारण ही हुआ।
रामनवमी का महत्व और पूजा विधि
रामनवमी के दिन भक्त भगवान राम की पूजा कर उनके जीवन के आदर्शों को अपनाने का प्रयास करते हैं। इस दिन मध्याह्न काल में भगवान राम की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है और रामायण पाठ का आयोजन होता है।
पूजा सामग्री: तांबे के कलश में गंगा जल, तुलसी के पत्ते, लाल चंदन, और पीले फूल।
मंत्र:
श्रीराम मंत्र:
ॐ श्रीरामाय नमः।
राम गायत्री मंत्र:
ॐ दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि। तन्नो रामः प्रचोदयात्॥
रामनवमी के लाभ
रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा और व्रत रखने से भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक लाभ होता है। यह दिन साहस, संयम और धर्म का प्रतीक है। भगवान राम का जीवन हमें विषम परिस्थितियों में भी मर्यादा और धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। इस रामनवमी पर भगवान श्रीराम की पूजा कर उनके आदर्शों को आत्मसात करें और अपने जीवन को सुख, शांति, और समृद्धि से भरपूर बनाएं।