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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Feb 2025 07:27:02 AM IST
बरसाने का राधा रानी मंदिर - फ़ोटो बरसाने का राधा रानी मंदिर
मथुरा के बरसाने में स्थित राधा रानी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जिसे 'बरसाने की लाड़ली जी का मंदिर' और 'राधारानी महल' के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बरसाने की हृदयस्थली में एक पहाड़ी पर स्थित है, जिससे इसकी भव्यता और आध्यात्मिकता और भी बढ़ जाती है।
रंगोत्सव की शुरुआत
राधा रानी मंदिर में 28 फरवरी 2025 से रंगोत्सव की शुरुआत होगी, जो भक्तों के लिए आनंद और भक्ति का अनोखा संगम लेकर आएगा। 7 मार्च को मंदिर परिसर में प्रसिद्ध लड्डूमार होली खेली जाएगी, जहां भक्त प्रेम और उल्लास में सराबोर होकर होली का आनंद लेंगे।
लट्ठमार होली का ऐतिहासिक आयोजन
बरसाना की विश्वप्रसिद्ध लट्ठमार होली 8 मार्च 2025 को खेली जाएगी। इस अद्भुत परंपरा में पुरुष हुरियारे भगवान श्रीकृष्ण और उनके सखा ग्वालबालों का रूप धारण करते हैं, जबकि महिलाएं हुरियारिन बनकर राधारानी और उनकी सखियों की भूमिका निभाती हैं। यह आयोजन प्रेम और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण है, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से श्रद्धालु बरसाना पहुंचते हैं।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
करीब 250 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का मूल निर्माण 5000 साल पहले राजा वज्रनाभ (भगवान कृष्ण के परपोते) द्वारा करवाया गया था। हालांकि समय के साथ यह खंडहर में तब्दील हो गया। बाद में 1675 ई. में ओरछा के राजा वीरसिंह ने इसका पुनर्निर्माण कराया, जिससे यह एक भव्य और आकर्षक मंदिर के रूप में स्थापित हुआ। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 200 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर में लगे लाल और पीले पत्थर राधा और कृष्ण के अमर प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भक्ति और प्रेम की अद्भुत विरासत भी है, जहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। बरसाने का राधा रानी मंदिर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रेम और आस्था का जीवंत प्रमाण भी है। खासकर होली के अवसर पर यहां की रंगभरी परंपराएं इसे और भी खास बना देती हैं।