ब्रेकिंग न्यूज़

Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील बिहार में पूजा-जुलूस में DJ पर पूर्ण प्रतिबंध, लाइसेंस अनिवार्य Rainy Season Health Risks: बारिश के बाद सड़क पर फैले कीचड़ में तो नहीं चलते आप? हो सकती है यह खतरनाक बीमारी Rainy Season Health Risks: बारिश के बाद सड़क पर फैले कीचड़ में तो नहीं चलते आप? हो सकती है यह खतरनाक बीमारी Bihar News: बिहार में मछली की लूट, पिकअप वैन पलटने के बाद सड़क पर बिखरीं मछलियां, लोगों में लूटने की मच गई होड़ Bihar News: बिहार में मछली की लूट, पिकअप वैन पलटने के बाद सड़क पर बिखरीं मछलियां, लोगों में लूटने की मच गई होड़ पटना बेऊर में ठगी का आरोपी गिरफ्तार, 33 लाख रुपये हड़पने का आरोप

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का सही समय क्या है? जानिए.. टाईमिंग और तिथियां

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 की तिथियां, महत्व, और श्राद्ध का सही समय जानें। किस दिन कौन-सा श्राद्ध किया जाएगा, और किन मुहूर्तों में पिंडदान व तर्पण करना शुभ होता है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 04 Sep 2025 05:53:06 PM IST

Pitru Paksha 2025

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धा व तर्पण के माध्यम से याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण व पिंडदान करते हैं।


हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक चलता है। इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर 21 सितंबर 2025 तक चलेगा। विशेष बात यह है कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से और समापन सूर्य ग्रहण से होगा। पितृ पक्ष का अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध कर्म दोपहर के समय करना श्रेष्ठ माना गया है। कुतुप काल को श्राद्ध के लिए उत्तम समय माना जाता है, जो इस वर्ष सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि दोपहर 1 बजे से पहले श्राद्ध कर लेना चाहिए। पितृ पक्ष में शाम के समय श्राद्ध नहीं करना चाहिए।


श्राद्ध की तिथियां (2025):

7 सितंबर     पूर्णिमा तिथि श्राद्ध

8 सितंबर     प्रतिपदा तिथि श्राद्ध

9 सितंबर     द्वितीया तिथि श्राद्ध

10 सितंबर    तृतीया व चतुर्थी तिथि श्राद्ध

11 सितंबर    पंचमी तिथि श्राद्ध

12 सितंबर    षष्ठी तिथि श्राद्ध

13 सितंबर    सप्तमी तिथि श्राद्ध

14 सितंबर    अष्टमी तिथि श्राद्ध

15 सितंबर    नवमी तिथि श्राद्ध

16 सितंबर    दशमी तिथि श्राद्ध

17 सितंबर    एकादशी तिथि श्राद्ध

18 सितंबर    द्वादशी तिथि श्राद्ध

19 सितंबर    त्रयोदशी तिथि श्राद्ध

20 सितंबर    चतुर्दशी तिथि श्राद्ध

21 सितंबर    सर्वपितृ अमावस्या (अंतिम श्राद्ध)


पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए जल अर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना अत्यंत फलदायी माना गया है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। कुछ विशेष मुहूर्तों में किया गया श्राद्ध और तर्पण अत्यधिक फलदायी माना गया है।


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं और पंचांग पर आधारित हैं। हम इस बात का दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। कृपया कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने से पहले किसी योग्य पंडित या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।