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Dharm News: फाल्गुन मास का महत्व, जानें क्या करें क्या न करें

हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष स्थान है, क्योंकि यह मास महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख त्योहारों से जुड़ा हुआ है। यह हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है, जो आध्यात्मिकता और धर्म-कर्म के लिए उत्तम माना जाता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Feb 2025 06:49:22 AM IST

Phalgun month

Phalgun month - फ़ोटो Phalgun month

Dharm News: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास को अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है। यह मास न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। फाल्गुन मास के दौरान महाशिवरात्रि, होली जैसे बड़े पर्व आते हैं, जो इस मास की महिमा को और बढ़ाते हैं। इस वर्ष, वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की शुरुआत 13 फरवरी 2025, गुरुवार से हो रही है और इसका समापन 14 मार्च 2025 को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होगा।


फाल्गुन मास का महत्व

फाल्गुन मास भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस दौरान उनकी विशेष कृपा पाने के लिए भक्तजन व्रत, पूजा और दान करते हैं। इस माह में किए गए धार्मिक कार्य, जैसे यज्ञ, हवन, जप और ध्यान, व्यक्ति के जीवन से कष्टों को दूर कर उसे सुख-शांति प्रदान करते हैं।

महाशिवरात्रि और होली जैसे पर्व फाल्गुन मास की शोभा बढ़ाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है, जबकि होली के दौरान रंगों के साथ प्रेम, आनंद और एकता का संदेश दिया जाता है।


फाल्गुन मास में दान का महत्व

दान-पुण्य का फाल्गुन मास में विशेष महत्व है। इस मास में जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन, और धार्मिक ग्रंथ दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह में किए गए दान से भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


फाल्गुन मास में करने योग्य कार्य

व्रत और पूजा:

महाशिवरात्रि और विजया एकादशी के व्रत रखना विशेष लाभकारी होता है। भगवान शिव और विष्णु की पूजा से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।

सत्संग और भगवद्गीता पाठ:

इस मास में धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और सत्संग में भाग लेना मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।

गंगा स्नान और दान:

अगर संभव हो, तो गंगा स्नान करें या घर पर गंगाजल से स्नान करें। इसके बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें।


फाल्गुन मास में न करने योग्य कार्य

तामसिक आहार का सेवन:

इस पवित्र माह के दौरान मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित माना गया है।

नकारात्मक विचार और व्यवहार:

किसी भी प्रकार की हिंसा, छल-कपट और नकारात्मक सोच से बचें। यह माह शांति और पवित्रता बनाए रखने का होता है।

अशुद्धता से बचें:

घर और मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। सुबह-शाम घर में दीप प्रज्वलित करें और भगवान का स्मरण करें।


फाल्गुन मास के प्रमुख त्योहार

महाशिवरात्रि (11 मार्च 2025):

इस दिन भगवान शिव की आराधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

विजया एकादशी (6 मार्च 2025):

भगवान विष्णु की आराधना के लिए यह दिन उत्तम है।

होली (13-14 मार्च 2025):

रंगों का यह पर्व प्रेम, उल्लास और नई ऊर्जा का प्रतीक है।

फाल्गुन मास हिंदू धर्म में अध्यात्म और धार्मिकता का प्रतीक है। इस मास में किए गए व्रत, पूजा और दान व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा देते हैं। अगर आप इस मास के नियमों का पालन करते हैं और धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं, तो जीवन के कष्टों से मुक्ति पाकर आप सुख-शांति और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।