Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 14 Jan 2025 07:30:50 AM IST
Mahakumbh 2025 - फ़ोटो Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में हर बार की तरह इस साल भी महाकुंभ मेला का आयोजन हो रहा है, और इस विशेष अवसर पर गंगा स्नान का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। हर कोई कुंभ मेला में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंचता है, लेकिन इस बार महाकुंभ मेला सिर्फ इसलिए नहीं चर्चाओं में है कि यह एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि इसके साथ जुड़ी एक बहुत ही खास मान्यता भी है – शिवजी के गले में स्थित सांप का रहस्य।
शिवजी के गले में कौन सा सांप है?
भगवान शिव की छवि के बारे में हम सभी जानते हैं कि उनकी गले में एक सांप लपेटा हुआ होता है। बहुत से लोग इसे किंग कोबरा मानते हैं, लेकिन क्या वास्तव में यही सांप है? धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव के गले में किंग कोबरा नहीं बल्कि वासुकि नाग विराजमान होते हैं।
वासुकि नाग को लेकर कई धार्मिक कथाएँ प्रसिद्ध हैं, जिनमें समुद्र मंथन की विशेष भूमिका है। समुद्र मंथन के दौरान वासुकि नाग को शिवजी ने अपने गले में लपेट लिया था, और तभी से वे शिवजी के परम भक्त के रूप में पूजे जाते हैं। शिवजी ने वासुकि नाग की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अपने गले में धारण किया और उन्हें आशीर्वाद दिया।
वासुकि नाग का अस्तित्व और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
कभी यह माना जाता था कि वासुकि नाग सिर्फ एक पौराणिक पात्र हैं, लेकिन 2005 में गुजरात के कच्छ जिले में एक विशाल सांप के अवशेष पाए गए। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सांप करीब 10.9 से 15.2 मीटर लंबा था, और इसका वजन एक टन के करीब था। यह सांप वासुकि नाग के अवशेषों से मेल खाता था, और इस बात ने सिद्ध किया कि पौराणिक कथाओं में वर्णित विशाल नाग वास्तविक हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस सांप को "वासुकि इंडस" नाम दिया, जो वासुकि नाग के नाम से जुड़ा हुआ है। हालांकि, इस सांप के वास्तविक अस्तित्व को लेकर कई सवाल उठते हैं, लेकिन यह शोध यह साबित करता है कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में जिन नागों का जिक्र किया गया है, वे काल्पनिक नहीं हो सकते।
वासुकि नाग के मंदिर
भारत में वासुकि नाग के कई मंदिर हैं, और एक महत्वपूर्ण मंदिर प्रयागराज में स्थित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह वासुकि नाग के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां आने वाले भक्तों का कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है और उन्हें विशेष आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, वासुकि नाग के मंदिर जम्मू के डोडा जिले में भी हैं, और हिमाचल, गुजरात तथा मुंबई जैसे अन्य क्षेत्रों में भी इस देवता के कई मंदिर स्थित हैं।
प्रयागराज का वासुकि नाग मंदिर महाकुंभ मेले के दौरान विशेष रूप से भीड़ से भरा रहता है, क्योंकि इस समय भक्तों की संख्या बहुत अधिक होती है। यहां आने से भक्तों को न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।
महाकुंभ मेला न केवल एक धार्मिक मेला है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहरी जड़ें पकड़ता है। शिवजी के गले में स्थित वासुकि नाग का धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक प्रमाण यह साबित करते हैं कि पौराणिक कथाएँ सच्चाई से परे नहीं होती। वासुकि नाग का पूजन करने से न केवल शांति मिलती है, बल्कि भक्तों को जीवन के कठिनाइयों से उबरने का अवसर भी मिलता है। इस महाकुंभ मेला में वासुकि नाग के मंदिरों का दर्शन और वहां पूजा अर्चना करने से भक्तों को अपार आशीर्वाद मिलता है, और यह धार्मिक यात्रा उन्हें एक नए जीवन की ओर प्रेरित करती है।