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Mauni Amavasya: आज मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम तट पर लगभग 10 करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान है। 4000 हेक्टेयर में फैली इस कुंभ नगरी को एक अस्थायी जिला घोषित किया गया है।
10 करोड़ की संख्या कितनी बड़ी है?
10 करोड़ की संख्या इतनी विशाल है कि यह कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। दुनिया में केवल दो ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 10 करोड़ के आसपास है:
डीआर कांगो (DR Congo) - 10.92 करोड़
वियतनाम (Vietnam) - 10.09 करोड़
इनके अलावा दुनिया के कई बड़े देशों की आबादी 10 करोड़ से कम है, जैसे:
ईरान: 9.15 करोड़
तुर्की: 8.74 करोड़
जर्मनी: 8.45 करोड़
थाईलैंड: 7.16 करोड़
यूनाइटेड किंगडम (UK): 6.91 करोड़
तंजानिया: 6.85 करोड़
फ्रांस: 6.65 करोड़
महाकुंभ की भीड़ और छोटे देशों की तुलना
10 करोड़ की यह संख्या उन 10 देशों की कुल जनसंख्या के बराबर है जिनकी आबादी लगभग 1 करोड़ है। इनमें शामिल हैं:
क्यूबा: 1.09 करोड़
होंडुरस: 1.08 करोड़
चेक रिपब्लिक, स्वीडन, तजाकिस्तान, पापुआ न्यू गिनी, पुर्तगाल, अजरबैजान, ग्रीस और हंगरी।
आस्था और व्यवस्थापन का अद्भुत संगम
मौनी अमावस्या पर स्नान एक बड़ा पर्व है, जिसे शुभ और पवित्र माना जाता है। महाकुंभ में इस विशाल जनसमूह को संभालने के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने, स्वच्छता बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
इस बार का महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि मानवता और प्रबंधन का एक अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है। यह आयोजन दुनिया के सामने भारत की सांस्कृतिक धरोहर और उसके प्रशासनिक कौशल को प्रदर्शित करता है।