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Kharmas 2025: खरमास 2025 का महत्व और नियम, इस दौरान क्या करें क्या न करें जानें

हिंदू धर्म में खरमास को एक महत्वपूर्ण और पवित्र अवधि माना जाता है, जो सूर्य देव के धनु या मीन राशि में गोचर करने पर शुरू होती है। इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 01 Mar 2025 07:42:23 AM IST

Kharmas 2025

Kharmas 2025 - फ़ोटो Kharmas 2025

Kharmas 2025: हिंदू धर्म में खरमास को एक विशेष अवधि माना जाता है, जो हर साल तब आती है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान सूर्य देव की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है, जिससे शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करना, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे कार्य वर्जित माने जाते हैं।


खरमास 2025 कब से शुरू होगा?

इस वर्ष खरमास 14 मार्च 2025 से शुरू होकर 13 अप्रैल 2025 तक रहेगा। इस दौरान सभी शुभ कार्य रोक दिए जाएंगे, और लोग धार्मिक साधनाओं में अधिक समय बिताएंगे।


खरमास में क्या करें?

सूर्य देव की पूजा करें – प्रतिदिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे से जल अर्पित करें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन, और धार्मिक ग्रंथों का दान करें।

भगवान विष्णु की आराधना करें – इस समय भगवान विष्णु की पूजा, श्रीमद्भागवत गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायी होता है।

संत-महात्माओं का आशीर्वाद लें – इस दौरान आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ माना जाता है।

गाय की सेवा करें – गाय को रोटी खिलाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।


खरमास में क्या नहीं करें?

विवाह और शुभ कार्य न करें – इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार और नए कार्यों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

नया वाहन या प्रॉपर्टी न खरीदें – इस समय नए मकान, वाहन या अन्य संपत्ति खरीदना अशुभ माना जाता है।

मांस-मदिरा का सेवन न करें – इस दौरान सात्विक भोजन करें और तामसिक चीज़ों से बचें।

क्रोध और झूठ से बचें – इस पवित्र माह में किसी के प्रति बुरा व्यवहार करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


सूर्य देव को जल अर्पित करने की विधि

सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।

तांबे के लोटे में जल लें और उसमें लाल फूल व रोली मिलाएं।

पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को जल चढ़ाएं।

जल अर्पित करते समय "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

सूर्य की किरणों को जल की धार के माध्यम से देखें, इससे नेत्रों और मानसिक शांति को लाभ मिलता है।


खरमास में इन उपायों से मिलेगा शुभ फल

खरमास के दौरान यदि आप नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें और गरीबों को अन्न-दान करें, तो जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस अवधि में किए गए पुण्य कर्म कई गुना फल देते हैं और जीवन की परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं।


खरमास हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवधि है, जिसमें सांसारिक कार्यों को छोड़कर आध्यात्मिक साधना पर ध्यान दिया जाता है। यदि इस दौरान धार्मिक नियमों का पालन किया जाए, तो यह समय सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसलिए, इस अवधि में शुभ कार्यों से बचें और अधिक से अधिक दान-पुण्य एवं पूजा-पाठ करें।