Bihar News: बिहार के हर जिले में होगा यह विशेष काम, समिति का गठन जल्द Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, इस दिन से लोगों को झेलनी होगी कड़ाके की सर्दी Bihar Election 2025: BJP की रणनीति पर हो रहा NDA में कैंडिडेट का चयन, जानिए क्यों बिहार में हो रही इस बात की चर्चा ; ये है असली वजह Bihar Election: 4 बार के MLA और पूर्व सांसद RJD छोड़ जन सुराज में शामिल, कहा "उस पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी" Bihar Election 2025: शाह ने BJP को लेकर बनाया खास प्लान, लालू के खास इलाके से करेंगे रैली की शुरुआत Bihar Election 2025: JDU में इस बार कुल इतने विधायकों का कटा टिकट, लिस्ट में बड़का नेता जी का नाम भी शामिल Bihar Election: 18 नहीं बल्कि इतनी सीटों पर लड़ेगी VIP, सहनी को राजद से मिला यह विशेष ऑफर महागठबंधन में नहीं सुलझ पाया है सीट बंटवारे का फॉर्मूला, कांग्रेस ने जारी की कैंडिडेट के नाम की पहली लिस्ट, इतने नेता शामिल AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 08 Feb 2025 08:23:26 AM IST
Jaya Ekadashi - फ़ोटो Jaya Ekadashi
Jaya Ekadashi: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को जया एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष जया एकादशी का व्रत शनिवार, 8 फरवरी 2025 को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु का ध्यान और उनके नाम का जाप करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जया एकादशी का व्रत आध्यात्मिक शुद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसे विधिपूर्वक करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन सी चीजों से बचना चाहिए और व्रत का पालन कैसे करना चाहिए।
जया एकादशी का महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की भक्ति और उनका ध्यान व्यक्ति को सुख, शांति और मोक्ष की ओर ले जाता है। यह व्रत न केवल आत्मशुद्धि के लिए बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और भगवान की कृपा प्राप्त करने का एक अवसर है।
जया एकादशी के दिन क्या न करें?
चावल और चावल से बने खाद्य पदार्थ का सेवन न करें:हिंदू परंपरा में एकादशी के दिन चावल का सेवन निषिद्ध माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से बचें:जया एकादशी के दिन सत्त्विक भोजन करें। लहसुन, प्याज और नॉनवेज जैसे तामसिक भोजन का सेवन पूरी तरह से वर्जित है।
काले वस्त्र न पहनें:धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इसके बजाय पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। ये रंग भगवान विष्णु और उनकी कृपा के प्रतीक हैं।
तुलसी के पत्ते न तोड़ें:तुलसी के पत्तों को एकादशी के दिन तोड़ना अशुभ माना जाता है। पूजा के लिए तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें, क्योंकि तुलसी का पत्ता बासी नहीं होता।
ब्रह्मचर्य का पालन करें:व्रतधारियों को मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। इस दिन किसी भी प्रकार के झगड़े, क्रोध, या बुरे विचारों से बचें।
नशा और मांसाहार से परहेज करें:जया एकादशी के दिन शराब, सिगरेट या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करें। यह दिन पूरी तरह से आत्मशुद्धि और भगवान की भक्ति के लिए समर्पित होता है।
जया एकादशी पर क्या करें?
भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें:इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और उनका ध्यान करें।
सत्त्विक आहार लें:व्रत में फलों, दूध, और सूखे मेवों का सेवन करें। सात्विक भोजन के साथ दिन बिताएं।
तुलसी का उपयोग करें:पूजा के दौरान भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें। यह बहुत शुभ माना जाता है।
दान और सेवा करें:जया एकादशी के दिन जरूरतमंदों को दान करें। अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भगवान का नाम जपें:इस दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है।
व्रत का विधान
जया एकादशी व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होकर अगले दिन द्वादशी तिथि तक चलता है। व्रती को इस दौरान पूरे नियम और संयम का पालन करना चाहिए। व्रत खोलने से पहले भगवान विष्णु की पूजा करें और ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लें।
जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन को पवित्रता की ओर ले जाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस दिन पूरे श्रद्धा और नियमों के साथ व्रत रखें और भगवान का ध्यान करें। ऐसा करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।