ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: पटना एयरपोर्ट से 7 से अधिक उड़ानें रद्द, ये रुट विशेष रूप से प्रभावित Bihar News: HAM की महिला MLA ने 'तेजप्रताप' की खोली पोल, कहा- एगो बात बतइयो भैया....लागित हो फिर तोरा ठग देलको कोय, ई जहाज उड़ाव के लाइसेंस के नाम पर रेडियो लाइसेंस दे देलको ह... Bihar Politics: बिहार पहुंचे कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, INDIA गठबंधन को लेकर दिया बड़ा बयान Sukma: IED ब्लास्ट में 3 जवान शहीद, 3 के घायल होने की सूचना Sushant Kushwaha viral: शादी छोड़ कर मॉक ड्रिल में शामिल हुआ दूल्हा... पूर्णिया के सुशांत कुशवाहा की देशभक्ति वायरल! Bihar Crime News: तीखी बहस और ठोक दी गोली, भाई ने ही ले ली भाई की जान Giriraj Singh on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर बोले गिरिराज; सेना ने मां-बहनों के सिंदूर की लाज रखी, पाकिस्तान को मिला करारा जवाब BLA Attack On Pakistan: भारत का साथ देने मैदान में उतरे बलोच लड़ाके, 14 पाकिस्तानी सैनिकों को किया जहन्नुम रवाना Bihar News: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, तीन बार से अधिक फेल होने पर भी परीक्षा दे सकते ये उम्मीदवार Bihar News: इंजीनियरिंग छात्र की सड़क हादसे में मौत के बाद बवाल, छात्रों ने लगाई आग, होम सेंटर की मांग पर अड़े

Holashtak 2025: होलाष्टक कब है, शुभ कार्यों पर रोक और धार्मिक महत्व जानें

होलाष्टक, होली से पहले के आठ दिनों का वह समय है जिसे हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है। इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर होलिका दहन तक चलता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Feb 2025 06:15:54 AM IST

Holashtak 2025

Holashtak 2025 - फ़ोटो Holashtak 2025

Holashtak 2025: होलाष्टक हिंदू धर्म का एक ऐसा विशेष समय है जो होली से पहले के आठ दिनों तक चलता है। इस अवधि को अशुभ माना जाता है, और इसमें विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे सभी मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और होलिका दहन के दिन समाप्त होता है।


होलाष्टक 2025 में कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष होलाष्टक 7 मार्च 2025 से शुरू हो रहा है और इसका समापन 13 मार्च 2025 को होलिका दहन के साथ होगा। इसके अगले दिन, यानी 14 मार्च 2025 को रंगवाली होली मनाई जाएगी।


होलाष्टक अशुभ क्यों माना जाता है?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलाष्टक के आठ दिनों में हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति त्यागने के लिए अनेक प्रकार की यातनाएं दी थीं। लेकिन प्रह्लाद निरंतर भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे। इन यातनाओं का अंत भगवान विष्णु द्वारा नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु के संहार के साथ हुआ।

इस दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है, जिससे इस समय में किए गए शुभ कार्यों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि इन दिनों विवाह, गृह प्रवेश, वाहन-खरीदारी जैसे मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है।


होलाष्टक के दौरान क्या करें?

हालांकि होलाष्टक में शुभ कार्यों पर रोक होती है, लेकिन इसे पूजा-पाठ, दान-पुण्य और भगवान की आराधना के लिए अत्यधिक शुभ माना गया है। इस दौरान आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, धन, तिल, घी आदि का दान करें।

व्रत रखें और भगवान विष्णु की आराधना करें।

पवित्र नदियों में स्नान करें और पितरों का तर्पण करें।

भगवान के मंदिरों में दीप प्रज्वलित करें।


होली का डंडा गाड़ने की परंपरा

होलाष्टक के समय होली का डंडा गाड़ने की परंपरा होती है। यह डंडा भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका की स्मृति का प्रतीक माना जाता है। डंडे के आसपास लकड़ियां और गोबर के कंडे रखे जाते हैं, जिनका उपयोग होलिका दहन के समय किया जाता है।


होलाष्टक का धार्मिक और सामाजिक महत्व

होलाष्टक का मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्मचिंतन और दान-पुण्य की ओर प्रेरित करना है। इस दौरान किए गए अच्छे कार्य न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं। इस तरह, होलाष्टक न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और पवित्रता बनाए रखने का समय भी है।