ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम

Falgu river Gaya: माता सीता ने फल्गु नदी को क्यों दिया था श्राप ?

Falgu river Gaya: बिहार के गया में बहने वाली फल्गु नदी का पौराणिक महत्व है |मान्यता के अनुसार माता सीता ने इस नदी को श्राप दिया था ,जिसके कारण यह नदी भूमिगत हो गयी है .

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Mar 2025 02:07:46 PM IST

फल्गु नदी, सीता माता, गया बिहार, पिंडदान का महत्व, श्राद्ध कर्म, भू-सलिला, राम लक्ष्मण, राजा दशरथ, स्थल पुराण, अक्षय वट, फल्गु नदी का श्राप, धार्मिक कथा, सनातन संस्कृति, पिंडदान स्थल, पौराणिक कथा, Fal

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Falgu river Gaya: बिहार के गया में स्थित फल्गु नदी, जो झारखंड के पहाड़ों से होकर गुजरती है, के बारे में कहा जाता है कि इसे माता सीता ने श्राप दिया था। इसके पीछे एक विशेष पौराणिक कथा प्रचलित है, जानिए रोचक जानकारी|

सनातन संस्कृति में पिंडदान और श्राद्ध का विशेष महत्व माना गया है। यही कारण है कि गया जी में देश-विदेश से लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आते हैं। गया में किया गया श्राद्ध अत्यधिक फलदायी माना जाता है। खास बात यह है कि गया में बहने वाली फल्गु नदी के किनारे किए गए श्राद्ध को पूर्वजों के लिए सीधे स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना जाता है। लेकिन इसके विपरीत, इस नदी को श्रापित भी माना जाता है। मान्यता है कि इसे माता सीता ने श्राप दिया था। आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा।

सीता माता ने क्यों दिया था फल्गु नदी को श्राप?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता, राजा दशरथ का श्राद्ध करने के लिए गया पहुंचे थे। तभी भगवान राम और लक्ष्मण श्राद्ध का सामान लाने गए थे। इसी बीच किसी कारणवश माता सीता ने अकेले ही दशरथ का श्राद्ध करने का निर्णय लिया।हालांकि, स्थल पुराण के अनुसार राजा दशरथ का श्राद्ध उनके छोटे पुत्रों भरत और शत्रुघ्न ने किया था, लेकिन चूंकि दशरथ अपने बड़े पुत्र राम को अत्यधिक प्रिय मानते थे, इसलिए उनकी चिता की राख उड़ते-उड़ते फल्गु नदी के पास पहुंची। उस समय माता सीता वहां मौजूद थीं।जब राख ने आकृति बनाकर माता सीता से कुछ कहने का प्रयास किया, तब माता सीता समझ गईं कि श्राद्ध का उचित समय निकल रहा है और भगवान राम और लक्ष्मण अभी तक वापस नहीं लौटे हैं।

नदी को साक्षी मानकर किया था पिंडदान

माता सीता जी ने फल्गु नदी की रेत से पिंड बनाए और पिंडदान कर दिया। इस पिंडदान का साक्षी माता सीता ने वहां उपस्थित फल्गु नदी, गाय, तुलसी, अक्षय वट और एक ब्राह्मण को बनाया।जब भगवान राम और लक्ष्मण वापस आए और श्राद्ध के विषय में पूछा तो फल्गु नदी ने माता सीता के गुस्से से बचने के लिए झूठ बोल दिया। इस पर माता सीता क्रोधित हो गईं और उन्होंने फल्गु नदी को श्राप दिया कि वह भूमि के नीचे प्रवाहित होगी। तभी से इस नदी को भू-सलिला भी कहा जाता है।