ब्रेकिंग न्यूज़

अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण

Vice President Statement Controversy: "राष्ट्रपति केवल नाममात्र का मुखिया" उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल का तीखा पलटवार!

Vice President Statement Controversy: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 142 को लेकर न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे, जिस पर सिब्बल ने नाराजगी जताई है|

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 18 Apr 2025 05:28:53 PM IST

Kapil Sibal, Jagdeep Dhankhar, Article 142, Supreme Court, President of India, Constitution of India, Judicial Power, Constitutional Head, Vice President Statement Controversy.

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Vice President Statement Controversy: वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 142 को "लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ परमाणु मिसाइल" बताया था। सिब्बल ने कहा कि इस बयान से उन्हें दुख और आश्चर्य हुआ है।


सिब्बल ने साफ कहा, "भारत में राष्ट्रपति केवल नाममात्र का प्रधान होता है। राष्ट्रपति कैबिनेट के सुझावों पर काम करता है, उसके पास कोई व्यक्तिगत अधिकार नहीं होता। यह संविधान की मूल भावना है, और उपराष्ट्रपति को यह बात ज़रूर पता होनी चाहिए।"


उन्होंने आगे कहा, "आज न्यायपालिका ही एकमात्र संस्था है, जिस पर पूरे देश का भरोसा बना हुआ है। जब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पसंद नहीं आते, तो वह न्यायपालिका पर आरोप लगाने लगती है। अनुच्छेद 142 की शक्ति संविधान ने खुद सुप्रीम कोर्ट को दी है, जिससे वह पूर्ण न्याय कर सकता है।"


क्या है अनुच्छेद 142?

अनुच्छेद 142 भारतीय संविधान का वह प्रावधान है जो सुप्रीम कोर्ट को ‘पूर्ण न्याय’ सुनिश्चित करने का अधिकार देता है। इसके तहत कोर्ट ऐसा कोई भी आदेश या निर्देश दे सकता है जो न्याय के हित में हो।

उपराष्ट्रपति का क्या था बयान?

गुरुवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा था कि “अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल बन चुका है, जिसे कोर्ट कभी भी इस्तेमाल कर सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब न्यायपालिका कानून बनाने और कार्यपालिका का काम करने लगी है, जिसकी कोई जवाबदेही नहीं है।

राजनीतिक बयानबाज़ी या संवैधानिक बहस?

यह बयानबाज़ी अब संवैधानिक बहस का रूप ले चुकी है। जहां एक ओर धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाए, वहीं सिब्बल जैसे अनुभवी नेता और वकील इसे संविधान की आत्मा पर हमला मान रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गहराने की संभावना है।