बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल

गोपालगंज मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बिजली गुल होने के बाद डॉक्टरों ने टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया। वायरल वीडियो ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Dec 2025 06:58:33 PM IST

bihar

स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल - फ़ोटो REPORTER

GOPALGANJ:- बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा मंत्री मंगल पांडेय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए दिन करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। जो इन दावों की पोल खोल रही है। हम बात कर रहे हैं बिहार के गोपालगंज स्थित मॉडल सदर अस्पताल की जहां एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज करने का वीडियो सामने आया है। जो स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।


बताया जाता है कि गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अचानक बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। करीब एक घंटे तक पूरा इमरजेंसी वार्ड अंधेरे में डूबा रहा। हालात ऐसे बन गए कि डॉक्टरों को मोबाइल का टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज करना पड़ा नर्सिंग स्टाफ हाथ में टॉर्च लेकर काम करता नजर आया। मरीज और उनके परिजन दहशत में दिखे। इमरजेंसी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थान पर अगर बिजली नहीं रहे, तो मरीज की जान पर सीधा खतरा बन जाता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि बिजली गुल होने के बाद भी जेनरेटर से वैकल्पिक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। पूरा सिस्टम फेल नजर आया। 


इस पूरे मामले का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और फिर देखते ही देखते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि डॉक्टर टॉर्च की रोशनी में मरीज देख रहे हैं। अंधेरे में इलाज जैसी स्थिति पर लोग सवाल उठा रहे हैं सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं। “अगर यही मॉडल अस्पताल है, तो आम अस्पतालों का क्या हाल होगा?” 


सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गोपालगंज जिला बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का गृह जिला है। इसके बावजूद मॉडल सदर अस्पताल में बिजली जैसी बुनियादी सुविधा तक दुरुस्त नहीं मरीजों को अंधेरे में इलाज झेलना पड़ रहा है। यह सवाल खड़ा करता है - क्या सिस्टम सिर्फ फाइलों में ही मॉडल है? वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मॉडल सदर अस्पताल के जिस नए भवन में इलाज चल रहा है, उसका निर्माण करने वाली कंपनी ने अबतक पूरा काम खत्म नहीं किया है। इसी वजह से भवन को कागजी प्रक्रिया में अबतक हैंडओवर नहीं लिया गया। 


तकनीकी और बिजली व्यवस्था पूरी तरह चालू नहीं हो पाई लेकिन सवाल यह है कि जब भवन हैंडओवर नहीं हुआ, तो वहां मरीजों का इलाज क्यों किया जा रहा है? कुल मिलाकर, गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल की यह तस्वीर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जहां योजनाएं कागजों में मॉडल हैं। लेकिन जमीनी हकीकत में अंधेरा पसरा हुआ है अब देखना यह होगा कि इस वायरल वीडियो और बढ़ते सवालों के बाद प्रशासन कब जागता है और कब मरीजों को रोशनी में इलाज नसीब हो पाता है।

REPORT: NAMO NARAYAN MISHRA/ GOPALGANJ