बगहा में खाद की किल्लत से नाराज़ किसानों ने NH-727 पर किया चक्का जाम, प्रशासन से मांगा समस्या का समाधान बिहार में अपराधी बेलगाम: सारण में दिनदहाड़े 7 लाख की लूट, पेट्रोल पंप कर्मी को बनाया निशाना सीतामढ़ी में बच्चा चोर समझकर मानसिक विक्षिप्त युवक की भीड़ ने की पिटाई, हालत गंभीर बड़हरा से अयोध्या के लिए तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था रवाना, अजय सिंह ने झंडी दिखाकर 80 श्रद्धालुओं को किया प्रस्थान Patna News: पटना के इस इलाके में सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 29.15 करोड़ मंजूर, चुनाव से पहले नीतीश सरकार की सौगात Patna News: पटना के इस इलाके में सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 29.15 करोड़ मंजूर, चुनाव से पहले नीतीश सरकार की सौगात Bihar News: ठीक करा लें अपनी गाड़ी के सभी कागजात, बिहार में इस दिन से शुरू होने जा रहा सघन जांच अभियान; सरकार ने जारी किए निर्देश Bihar News: ठीक करा लें अपनी गाड़ी के सभी कागजात, बिहार में इस दिन से शुरू होने जा रहा सघन जांच अभियान; सरकार ने जारी किए निर्देश शिवहर की तीन पंचायतों पर कुदरत हुई मेहरबान, रातभर बारिश से किसानों के चेहरे खिले Bihar Flood News: बिहार के इस जिले में लाल निशान के करीब पहुंचा गंगा का जलस्तर, बाढ़ के खतरे से सहमे इलाके के लोग
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 20 May 2025 01:54:53 PM IST
शशि थरूर का विवादों से गहरा नाता रहा है - फ़ोटो Google
Sashi tharoor: कांग्रेस नेता और वरिष्ठ सांसद शशि थरूर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना। हालांकि कांग्रेस की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल में आनंद शर्मा, गौरव गोगोई और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नाम सुझाए गए थे, लेकिन थरूर की नियुक्ति ने पार्टी के भीतर असहमति और भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि यह नियुक्ति कांग्रेस की आधिकारिक स्वीकृति के बिना की गई थी।
उनका रुख न केवल सत्तारूढ़ भाजपा की विदेश नीति के समान दिखा, बल्कि इससे कांग्रेस के भीतर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि थरूर पार्टी लाइन से हटकर बोल रहे हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वे जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं या यह महज एक रणनीति है? लेकिन केंद्र सरकार ने उनका नाम विदेश में भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल जो पाकिस्तान की दुनिया भर में पोल खोलने के लिए भेजा जा रहा है | जबकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनके नाम पर कोई विचार नही किया गया |
डॉ. थरूर, जो पूर्व अंतरराष्ट्रीय राजनयिक, लेखक और वर्तमान में संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, अपनी बेबाक राय और विद्वत्तापूर्ण वक्तव्यों के लिए जाने जाते हैं।लिहाजा वो इंटेलेक्चुअल ग्रुप में काफी पसंद किये जाते हैं ,खासकर महिलाएं उनकी खूब तारीफ करती है .बहरहाल उन्होंने जिस आत्मविश्वास और स्पष्टता से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पक्ष में बात की जिससे हलचल मच गयी | राजनीतिक प्रतिष्ठा से परे, डॉ. थरूर एक साहित्यिक व्यक्तित्व भी हैं। वे 25 से अधिक किताबों के लेखक हैं, जिनमें "An Era of Darkness" जैसी कृतियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
हालाँकि उनकी निजी ज़िंदगी भी अक्सर राजनीतिक चर्चाओं का विषय बनती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2012 में हिमाचल प्रदेश के एक चुनावी रैली में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शशि थरूर की पत्नी सुंदा पुष्कर को "50 करोड़ की गर्लफ्रेंड" कहा था। यह टिप्पणी उस समय के कोच्चि IPL विवाद से जुड़ी थी, जिसमें कहा गया था कि पुष्कर ने काफी बड़ी रकम "स्वेट इक्विटी" के रूप में प्राप्त की थी। स्वेट इक्विटी" (Sweat Equity) का मतलब होता है वह हिस्सा या मूल्य जो कोई व्यक्ति अपने मेहनत, समय और प्रयास के बदले कंपनी या प्रोजेक्ट में हासिल करता है, बिना सीधे पैसे निवेश किए। यानी, अपनी कड़ी मेहनत के बदले उसे कंपनी का शेयर या हिस्सा मिलता है। शशि थरूर के विवाद में कहा गया था कि उनकी पत्नी सुंदा पुष्कर को IPL टीम में इस तरह की "स्वेट इक्विटी" मिली थी, जो राजनीतिक और मीडिया चर्चा का विषय बनी थी।
इस बयान ने काफी विवाद पैदा किया था और कई राजनीतिक नेताओं ने, जिनमें बीजेपी के सदस्य भी थे, इस पर आपत्ति जताई थी। शशि थरूर ने भी इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा था कि उनकी पत्नी अमूल्य हैं और इस तरह के बयान गलत और अनुचित हैं। आपको बता दे कि सुंनंदा पुष्कर, जो एक कश्मीरी पंडित परिवार में जन्मी थीं , उनकी मौत 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के लीला होटल के एक कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उनकी मौत आज भी रहस्य बनी हुई है। मेडिकल और पुलिस जांच के बावजूद मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है, जिससे कई तरह की साजिशें और अफवाहें जन्म लेती रही हैं।
2022 में जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था, तब से ही यह संकेत मिलने लगे थे कि वे संगठन में और बड़ी भूमिका चाहते हैं। अब जब उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के पक्ष में बयान दिया है, तो राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि क्या वे पार्टी के भीतर 'थिंक टैंक' के रूप में उभर रहे हैं या किसी नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं? शशि थरूर एक ऐसे व्यक्तित्व के मालिक हैं जो राजनीति, कूटनीति, साहित्य और सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ते हैं। चाहे वे सरकार की आलोचना करें या समर्थन करें, उनका हर बयान चर्चा का विषय बन जाता है।