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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Mar 2025 05:49:37 PM IST
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Bihar politics: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीके ने राज्य की गिरती कानून व्यवस्था के लिए नीतीश कुमार और उनके शराबबंदी कानून को जिम्मेदार ठहराया और आंकड़ों का हवाला दिया और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को खूब सुनाया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि आंकड़े साफ बताते हैं कि 2017 के बाद से बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है, क्योंकि इस दौरान बिहार में हर दिन लूट, हत्या और मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि अपहरण को छोड़ दें तो नीतीश सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति वही है जो लालू यादव के समय थी।
उन्होंने इसे शराबबंदी कानून से जोड़ा और कहा कि शराबबंदी लागू करने के लिए तंत्र का एक बड़ा हिस्सा कानून व्यवस्था को छोड़कर शराबबंदी को लागू करने, उसे छुपाने और उससे कमाई करने में व्यस्त है, जिससे बिहार में सामान्य कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि बिहार के विभिन्न जेलों में एक लाख से अधिक लोग शराबबंदी कानून के तहत बंद हैं, जिनमें अधिकतर लोग दलित और पिछड़े समुदाय से हैं।
पीके ने कहा कि ऐसे परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो उनका केस लड़ सके, लेकिन समाजवाद की बात करने वाले लोगों को इस पर कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि 2017 से बिहार की कानून व्यवस्था बिगड़ी है, क्योंकि पुलिस शराब से कमाई करने या उसे छिपाने में व्यस्त है, और इसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं। इन्हीं कारणों से जन सुराज शराबबंदी कानून का विरोध करता है।
प्रशांत किशोर ने हाल ही में यह भी कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वह एक घंटे में शराबबंदी कानून को समाप्त कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी के कारण युवा दूसरे प्रकार के नशे के शिकार हो रहे हैं, और माफिया घर-घर शराब की डिलीवरी कर रहे हैं, जबकि सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।