Bihar Budget 2025 : TRE-3 के मुद्दे पर आज सदन में हंगामा के आसार, आयोग को शिक्षा मंत्री लिखेंगे लेटर; कल अभ्यर्थियों ने दौड़ाया था History Untold : हिंदू राजा जिन्होंने ताजमहल को बना दिया था अस्तबल, रखे जाते थे जानवरों के लिए भूसे Bihar School News : संस्कृत में एग्जाम में पूछे गए इस्लाम से जुड़े सवाल, इस जिले में शुरू हुआ विवाद; जानिए क्या है हकीकत Bihar Teachers Transfer: महिला टीचरों के लिए शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला,इसी महीने मिलेगी बड़ी खुशखबरी Bihar Police Encounter Arms : आखिर इस वजह से अपराधियों के सामने नहीं टिक पा रही बिहार पुलिस, पूर्व IPS का चौंकाने वाला खुलासा BIHAR INTERMEDIATE EXAM RESULT : आज इस टाइम जारी होगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, इस तरह देखें अपना रिजल्ट Bihar Chunav 2025: बिहार कांग्रेस के नेताओं का दिल्ली जुटान, गठबंधन समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा BSEB INTER RESULT: इंटर परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खबर, कल इतने बजे जारी होगा रिजल्ट Bihar education News: बिहार में साइकिल और पोशाक योजना में बड़ा बदलाव, अब 75% हाजिरी की शर्त खत्म Bihar Crime: झाड़-फूंक के चक्कर में तांत्रिक ने महिला को बनाया अपने हवस का शिकार, सूचना मिलते ही पुलिस ने ढोंगी बाबा को दबोचा
23-Mar-2025 02:18 PM
Bihar vidhanmandal: विधानसभा राज्य की सबसे प्रमुख विधायी संस्था है, जिसका कार्यकाल पांच वर्षों का होता है। इसका नेतृत्व स्पीकर करते हैं। विधानसभा में चुने जाने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए। इसमें विधेयक पारित करने और सरकार के कार्यों की निगरानी करने की जिम्मेदारी होती है।
वहीँ ,विधान परिषद राज्य का उच्च सदन होता है, जो विधानमंडल का हिस्सा होता है। इसका कार्यकाल छह वर्षों का होता है, और हर दो वर्ष में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं। विधान परिषद का नेतृत्व सभापति करते हैं। इसमें सदस्य विभिन्न स्रोतों से चुने जाते हैं, जैसे स्थानीय निकाय, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और राज्यपाल द्वारा मनोनीत। विधान परिषद का कार्य विधेयकों की समीक्षा करना और सरकार को सुझाव देना होता है।
भारत में केवल छह राज्यों में विधान परिषद मौजूद है – बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना। बिहार में विधानसभा और विधान परिषद दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विधानसभा में जनता की सीधी भागीदारी होती है, जबकि विधान परिषद का उपयोग नीति-निर्माण और राजनीतिक नियुक्तियों में किया जाता है।