Bihar Election 2025: स्ट्रॉन्ग रूम में ऐसे लॉक हुईं EVM, RJD ने लगाया आरोप; जानें कितनी है सच्चाई? Tejashwi Yadav : बैलगाड़ी से निकल कर हैलिकौप्टर पर पहुंचे नेता जी, हर दिन 2.5 करोड़ का हो रहा खर्च; कौन सी पार्टी सबसे आगे Dularchand Yadav murder : मोकामा में रिजल्ट आने तक नहीं मिलेगी कोई ढील, दुलारचंद को लगी गोली का खोखा अब तक नहीं हुआ बरामद; SP को मिला यह निर्देश Bihar Elections 2025: दांव पर कई दिजज्जों की साख, इन तीन सीटों पर सबसे बड़ा महादंगल ; जानिए कौन -कौन हैं मैदान में Indian Railways : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दी चार नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, विकास और आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम Bihar News: बिहार के यात्रियों के लिए रेलवे की विशेष व्यवस्था, अब दर्जनों ट्रेनों में मिलेगी यह महत्वपूर्ण सुविधा Bihar Election 2025: पहले चरण की बंपर वोटिंग के बाद BJP पर संकट! मोदी के करीबी मंत्री ने कर दिया क्लियर, कौन होगा CM? Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में बदल गया पहले फेज का वोटिंग परसेंटेज, ECI ने दिया नया डेटा; जानिए क्या है नया आकड़ा Bihar News: बिहार के इस स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़, रेलवे ने की होल्डिंग एरिया की व्यवस्था Bihar News: बिहार के मजदूर की मौत के बाद बवाल, पुलिस ने 5 लोगों को दबोचा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 17 Apr 2025 07:50:31 PM IST
- फ़ोटो google
CM Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कथित राष्ट्रगान अपमान मामले में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी। पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने मुख्यमंत्री की ओर से दायर की गई क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। साथ ही, परिवादी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
दरअसल, यह मामला उस समय सामने आया जब पिछले महीने बेगूसराय में आयोजित एक विशेष खेल महोत्सव के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय मुख्यमंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो को आधार बनाकर स्थानीय निवासी विकास पासवान ने 22 मार्च को बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दायर किया, जिसमें मुख्यमंत्री पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अवकाश पर होने के कारण प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ने यह मामला अपने न्यायालय में स्थानांतरित किया और 25 मार्च को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
मुख्यमंत्री की ओर से महाधिवक्ता पी. के. शाही और अधिवक्ता अमीश कुमार ने कोर्ट में यह तर्क रखा कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है और आपराधिक कानून का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना प्राथमिक जांच के मुख्यमंत्री को आरोपी बना देना भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।