Bihar Politics: "बिहार में राजकुमारों की कोई हैसियत नहीं", वोट अधिकार यात्रा पर सम्राट चौधरी ने बोला तीखा हमला

Bihar Politics: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की "वोट अधिकार यात्रा" इन दिनों राज्य भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस यात्रा को लेकर तीखा प्रहार किया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Aug 2025 09:13:01 AM IST

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बिहार की राजीनीति में हलचल - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Politics: बिहार में जैसे-जैसे 2025 विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की "वोट अधिकार यात्रा" इन दिनों राज्य भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच, बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के फायरब्रांड नेता सम्राट चौधरी ने इस यात्रा को लेकर तीखा प्रहार किया है।


सम्राट चौधरी ने सोमवार को अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए यात्रा को पूरी तरह फ्लॉप करार दिया। उन्होंने लिखा, "सड़क का सन्नाटा बता रहा है- बेसिर हाथ-पैर का बात करने वालों का बिहार में कोई अस्तित्व नहीं।" इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जब यात्रा में भीड़ नहीं जुटी, तो नबीनगर के विधायक विजय कुमार सिंह के ड्राइवर और एक पत्रकार के साथ मारपीट की गई, जिसे उन्होंने जंगलराज की असलियत करार दिया।


वहीं, सम्राट चौधरी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा, "जनता इन्हें नकार चुकी है। दिल्ली और बिहार के राजकुमारों की फ्लॉप यात्रा फिर भी जारी है।" यह बयान न सिर्फ विपक्ष पर सीधा हमला है, बल्कि एनडीए की आगामी चुनावी रणनीति को भी दर्शाता है, जिसमें विपक्षी यात्राओं और कार्यक्रमों को जनता से कटा हुआ दिखाया जा रहा है।


अकसर सम्राट चौधरी लगातार विपक्ष पर जंगलराज, भ्रष्टाचार और कुशासन जैसे मुद्दों को लेकर हमलावर रहते हैं, और यही रणनीति भाजपा की राज्य में पकड़ मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा है। वहीं राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिए जनता से सीधे संवाद और भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं।


हालांकि, इस घटनाक्रम ने एक बार फिर बिहार की राजनीति को तेज बहस के केंद्र में ला दिया है। एक ओर विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों को सामने लाने की कोशिश कर रहा है, तो वहीं सत्ता पक्ष उनकी कार्यशैली और जनता से जुड़ाव को सवालों के घेरे में ला रहा है।