VAISHALI: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या उससे जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है। इसकी जांच को लेकर पुलिस प्रसाशन को भी काफी अलर्ट रहने को कहा गया है। समय -समय पर इसके लिए बैठक कर नए- नए टास्क भी दिए जाते हैं। लेकिन, मामला उस समय अलग हो जाता है जब इस कानून को सही से पालन करवाने वाले ही कानून तोड़ना शुरू कर देते हैं।
दरअसल, वैशाली में पुलिसकर्मियों ने थाने में रखी जब्त शराब को ही धंधेबाजों को बेच दिया। जिसके बाद तिरहुत रेंज के आईजी ने इस पर एक्शन लेते हुए तत्कालीन थानेदार और जमादार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी किया गया। थाने में रखी जब्त शराब नष्ट करने के बदले धंधेबाजों से बेचने के आरोपी वैशाली जिले के सराय थाने के तत्कालीन थानेदार विदुर कुमार और एएसआई मुनेश्वर कुमार को बर्खास्त किया गया है।
वहीं वैशाली एसपी ने इस मामले में जिला बल के सिपाही सुरेश कुमार को बर्खास्त किया। आईजी ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति उठाई गई जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत प्रोसीडिंग चलाकर दोनों को बर्खास्त किया गया है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाने पर अन्य पर भी ऐसी ही कार्रवाई होगी। जबकि बेहतर कार्य करने वाले कर्मी पुरस्कृत भी किए जाएंगे।
इस मामले को लेकर आईजी ने बताया कि 17 सितंबर 2023 को मद्य निषेध टीम को सूचना मिली कि जब्त शराब थाने से बेची जा रही है। इसके बाद थाने में छापेमारी की गई। जहां पाया गया था कि जब्त शराब मालखाने से निकालकर पिकअप वैन में लादी जा रही थी। ऐसे में जांच में पता चला कि थाने से जिस शराब को बेचने की तैयारी थी, उसे नष्ट करने का आदेश था। उसके बाद सराय थाने के दारोगा पुष्पराज शर्मा के बयान के आधार पर तत्कालीन थानेदार विदुर कुमार, मालखाना प्रभारी मुनेश्वर कुमार और संतरी ड्यूटी में तैनात सिपाही सुरेश कुमार व थाने पर मौजूद चौकीदार परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया गया था।
उधर,आईजी ने बताया कि दो कांडों में 3728 लीटर शराब जब्त कर थाने में रखी गई थी। बीते 16 सितंबर इसे नष्ट कर देना था। इसमें से 2782.590 लीटर शराब का ही विनष्टीकरण किया गया। शेष शराब मालखाने में ही बचाकर रख दी गई थी। हाजीपुर जेल में बंद दोनों पुलिस अधिकारियों से जेल में ही विभागीय कार्यवाही के तहत पूछताछ की गई। दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।