PATNA: विपक्षी एकता की बैठक 23 जून को होने वाली है। विपक्षी एकता पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ ढपली बजाने वाले लोग हैं। सिर्फ बैठकर चाय पीने और प्रेंस कॉन्फ्रेस करने से विपक्ष मजबूत नहीं होता। यदि ऐसा होता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो जाता। उन्हों ने आगे कहा कि RJD के पास जीरो एमपी है। यानि कि एक भी सांसद राजद के पास नहीं है। वही नीतीश कुमार का अपना कोई ठिकाना नहीं है और अखिलेश यादव के लोकसभा में 5 एमपी है और वे बात ऐसे करते हैं जैसे उनके 500 सांसद हो। ढपली बजाने वाले ये लोग एक जाति को खुश करने में लगे हैं।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से विपक्षी एकता पर हमला करते हुए कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। आज RJD के जीरो एमपी हैं वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं। जिस पार्टी का अपना ठिकाना नहीं है वो पूरे देश की अलग-अलग पार्टियों को एकत्रित करने में लगा है। नीतीश कुमार पिछले दिनों ममता बनर्जी से मिले, क्या ममता बनर्जी लालू और नीतीश कुमार को पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के लिए सीट देने को तैयार हो गई हैं? क्या लालू और नीतीश बिहार में टीएमसी को एक भी सीट देने के लिए तैयार हो गए हैं? नीतीश कुमार को कौन पूछता है?
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार हाल ही में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से मिलने गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 में 5 सीटें और 2019 में भी 5 सीटें मिली। हालांकि, वो बात ऐसे कर रहे हैं जैसे पांच सौ एमपी इन्ही के पास हैं। दो जीरो को अगर जोड़ेंगे तो उससे क्या होगा? आज ये बीजेपी के B टीम हैं, क्योंकि ये अपनी दुकान चला रहे हैं। आज ये बिहार में एक समुदाय के लोगों को मैसेज देने के लिए कि हम प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उनको भी मालूम है कि इस प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है। ये सिर्फ ढपली बजाने वाले लोग हैं। बैठकर चाय पीना प्रेस कांफ्रेंस करने से विपक्ष मजबूत हो जाता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो गया होता। आज ये लोग घर से निकलकर 5 किलोमीटर चल नहीं सकते हैं कोई दौरा नहीं कर सकते हैं कोई काम नहीं कर सकते हैं राजनीति क्या करेंगे?